UP news: यूपी में फेशियल बायोमीट्रिक्स से होगी छात्र-छात्राओं की हाजिरी, एग्जाम की लाइव सीसीटीवी से निगरानी
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UP news: यूपी में फेशियल बायोमीट्रिक्स से होगी छात्र-छात्राओं की हाजिरी, एग्जाम की लाइव सीसीटीवी से निगरानी

UP news: उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के रास्ते में सीएम योगी ने एजुकेशनल फ्रेमवर्क के उच्चीकरण और एडवांस्ड टेक्नोलॉजी युक्त बनाने के काम में तेजी लाई है. इसी का परिणाम है कि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में बड़े टेक्नोलॉजिकल अपडेशन के काम शुरू हो गया है.

APJ Abdul Kalam technical University

लखनऊ: यूपी में फेशियल बायोमीट्रिक्स से होगी छात्र-छात्राओं की हाजिरी, एग्जाम की लाइव सीसीटीवी से निगरानी करेंगे. उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के रास्ते में सीएम योगी ने एजुकेशनल फ्रेमवर्क के उच्चीकरण और एडवांस्ड टेक्नोलॉजी युक्त बनाने के काम में तेजी लाई है. इसी का परिणाम है कि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में बड़े टेक्नोलॉजिकल अपडेशन के काम शुरू हो गया है. इस टेक्नोलॉजिकल अपडेशन के अंदर छात्र-छात्राओं की लाइव अटेंडेंस उनके फेशियल बायोमीट्रिक्स से लगेगी. रेगुलर सेमेस्टर एग्जाम को लाइव सीसीटीवी कवरेज की मदद से अच्छे से देखा जाएगा. सीएम योगी की इच्छा के अनुसार एक डिटेल प्रोजेक्ट के जरिए डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में बड़े टेक्नोलॉजिकल अपडेशन के फ्रेमवर्क को तय किया गया था. जिसको क्रियान्वित करते हुए उत्तर प्रदेश डेवलपमेंट सिस्टम्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड को यह काम सौंपा गया है.

यूपीडेस्को को दी जिम्मेदारी
शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि के लिए आधुनिक तकनीक अपनाना हमेशा से सीएम योगी की प्राथमिकताओं में शामिल रहा है. प्रदेश में परीक्षा प्रक्रिया को बिना किसी रुकावट से पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न हो सकें, इसके लिए भी विभिन्न स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल विश्वविद्यालय में होने वाला टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट इन दोनों ही बातों को साफ दर्शाता है. शिक्षक और छात्रों के बायोमीट्रिक्स को एकत्रित करने से तैयार होने वाले मास्टर डाटाबेस को सॉफ्टवेयर के माध्यम से एक्सेस कर सकें. इसके साथ ही यूनिवर्सिटी में इस बात की लगातार मॉनिटरिंग हो सके कि संबंधित छात्र-छात्राएं क्लासेस सही ढ़ंग से ले रहें हैं या नहीं. डाटाबेस में उनके आधार कार्ड नंबर, चेहरा, आंखों की पुतली तथा हाथ के इंप्रेशंस के साथ कई अन्य अहम जानकारियों को भी इकट्ठा किया जाएगा. इससे किसी अप्रिय स्थिति में तत्काल ही संबंधित स्टूडेंट या स्टाफ को चिह्नित किया जा सकेगा.

सीसीटीवी की निगरानी में परीक्षा कराने का मार्ग होगा साफ
यूनिवर्सिटी में मास्टर डाटाबेस तो कई मायनों में निर्णायक साबित होगा. इसके साथ ही यूनिवर्सिटी के क्लासेस की भी सीसीटीवी के जरिए लाइव मॉनिटरिंग हो सकेगी. इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एक विशेष सीसीटीवी कमांड सेंटर की भी स्थापना की जाएगी. इतना ही नहीं, निर्माणाधीन सिस्टम को यूनिवर्सिटी की जरूरतों के हिसाब से अपडेट करना तथा यूनिवर्सिटी के स्टाफ को संचालन, निगरानी और पर्यवेक्षण प्रक्रिया में दक्ष भी बनाया जाएगा.

स्टाफ को दी जाएगी ट्रेनिंग
इन कार्यों को पूरा करने के लिए बाकायदा निर्माणाधी एप्लीकेशन का सोर्स कोड और उपयोगकर्ता मैनुअल उपलब्ध कराया जाएगा. काम को बांटने के बाद सर्विस व सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट प्रोवाइडर प्रक्रियाओं के उचित क्रियान्वयन के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा चिह्नित कर्मचारियों को प्रशिक्षण/पुनः प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. इसके अतिरिक्त, यूनिवर्सिटी की वेबसाइट व अन्य सॉफ्टवेयर्स के सालाना मेंटिनेंस जैसी प्रक्रियाओं को भी पूर्ण किया जाएगा.

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