Gorakhpur News: गोरखपुर-देवरिया की छोटी गंडक को मिला जीवनदान,‌ रंग लाई सीएम योगी की मेहनत
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2293024

Gorakhpur News: गोरखपुर-देवरिया की छोटी गंडक को मिला जीवनदान,‌ रंग लाई सीएम योगी की मेहनत

Gandak River: उत्तर प्रदेश सरकार के सराहनीय कार्य की वजह से गोरखपुर और देवरिया जिले के लोगों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी की बात सामने आई है. सरकार की लगातार मेहनत से दोनों जिलों में ... पढ़िए पूरी खबर ...

UP Ki Baat

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश सरकार के सराहनीय कार्य की वजह से गोरखपुर और देवरिया जिले के लोगों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी की बात सामने आई है. सरकार की लगातार मेहनत से विलुप्त होने की कगार पर पहुंच रही नदियों को पर्यावरण संरक्षण के लिए पुनर्जीवित करने में जुटी योगी सरकार का प्रयास छोटी गण्डक नदी को लेकर फलीभूत होता दिख रहा है.

दोनों जिलों के 33 गांवों को मिला फायदा
सीएम योगी के निर्देश पर सिंचाई विभाग द्वारा गुर्रा नदी के ढाल को कम करके गर्मी की ऋतु में राप्ती नदी में लगातार प्रवाह बनाकर गोरखपुर के 27 तथा देवरिया के 6 गावों सहित कुल 33 गांव की लगभग 60 हजार की आबादी के साथ सभी तरह के पशु और पक्षियों को लाभ मिलेगा.आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार प्रदेश में खत्म हो चुकी नदियों को पुनर्जीवित करने की दिशा में तेज गति से कदम बढ़ा रही है. इसी क्रम में गाजियाबाद की हिंडन, मुरादाबाद की रामगंगा और वाराणसी की असि नदी को पुनर्जीवित करने के लिए कार्रवाई तेज हो गई है. वहीं लखनऊ में कुकरैल नदी को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार ने हाल ही में कड़ा कदम उठाते हुए अवैध निर्माणों को ध्वस्त कराने का कार्य किया है.

10 किमी में समाप्त हो चुका था छोटी गण्डक का अस्तित्व
उत्तर प्रदेश सरकार में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री की इच्छा के अनुसार ही सिंचाई विभाग ने छोटी गंडक नदी को पुनर्जीवित करने के लिए प्रयास किए थे. इसी के चलते ही नदी के सेक्शन की पुनर्स्थापना का कार्य शुरू किया गया था. नदी को मूल स्वरूप में लाने की प्रक्रिया के दौरान ही भूजल स्तर नदी में आने लगा और सिंचाई विभाग द्वारा की गई पहल कारगर व सफल साबित हुई है. उन्होंने बताया कि छोटी गण्डक एक घुमावदार भूजल आधारित नदी है. जो नेपाल के परसौनी जनपद-नवलपरासी से उद्गमित होकर भारत में लक्ष्मीपुर खुर्द ग्राम सभा (महराजगंज, यूपी) में प्रवेश करती है. यह नदी महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया जनपदों में 250 किमी की लम्बाई में बहती हुई अनन्तः बिहार के सीवान जिले के गोठानी के पास घाघरा नदी में मिल जाती है. छोटी गण्डक के भारत में प्रवेश करने के उपरान्त प्रारम्भ के लगभग 10 किमी लम्बाई में अस्तित्व लगभग समाप्त हो चुका था. छोटी गण्डक नदी को पुनर्जीवित करने के साथ ही भू-गर्भ जल को भी बढ़ाने में मदद मिली है.

गुर्रा के बाढ़ से 35 हजार की आबादी को मिलेगी निजात
इसके अलावा गुर्रा नदी से बाढ़ के समय होने वाली क्षति को कम करके गोरखपुर के 20 एवं देवरिया के 6 ग्रामों सहित कुल 26 गांवों की 35 हजार आबादी को सुरक्षित करने का भी सराहनीय कार्य किया गया है. बता दें कि गुर्रा नदी का उद्गम स्थल जनपद गोरखपुर में प्रवाहित राप्ती नदी से गांव - रूदाइन मझगंवा, तहसील - बाँसगांव एवं गांव सेमरौना, तहसील - चौरी चौरा है. उद्गम स्थल से गुर्रा नदी का ढाल राप्ती नदी के ढाल से अधिक होने के कारण बाढ़ एवं गर्मी के मौसम में पानी का बहाव समानुपातिक नहीं होने से बाढ़ अवधि में गुर्रा नदी से भारी तबाही की सम्भावना बनी रहती थी. वहीं दूसरी ओर ग्रीष्म ऋतु में राप्ती नदी के सूख जाने के कारण आबादी एवं पशु पक्षियों एवं जीव-जन्तुओं को कृषि कार्य एवं पीने का पानी नहीं मिलने से जन-जीवन प्रभावित होता था.

और पढ़ें - UP के छात्रों को मिलेगी सिविल सेवा, इंजीनियरिंग की फ्री कोचिंग ! बस करना होगा ये काम

Trending news