आजम खान ने भी 'पकौड़े' के जरिए अमित शाह पर निशाना साधने की कोशिश की.
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रामपुर: भारत में इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा में अगर कोई है तो वह हैं 'पकौड़े'. दरअसल, ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी मीडिया के साथ इंटरव्यू के दौरान चैनल के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी से कहा था कि आप अपने चैनल के बाहर ठेला लगाकर पकौड़े बेच रहे आदमी को इंप्लायड मानेंगे या नहीं? प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान को लेकर खूब हंगामा हुआ था. विरोधियों ने इल्जाम लगाया था कि प्रधानमंत्री रोजगार जैसे बड़े मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं हैं. उसके बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सांसद के रूप में शपथ लेने के बाद जब राज्यसभा में अपना पहला भाषण दिया तो उन्होंने भी कहा कि बेरोजगारी से अच्छा पकौड़े बेचना है. यही वजह है कि इन दिनों विपक्षी दल 'पकौड़ा पॉलिटिक्स' करते नजर आ रहे हैं. कांग्रेसी नेता देश के तमाम शहरों में पकौड़े बेच कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी बीच आजम खान ने भी 'पकौड़े' के जरिए अमित शाह पर निशाना साधने की कोशिश की.
पकौड़े बेचकर ही रातों-रात अरबपति बने अमित शाह के बेटे
'पकौड़ा पॉलिटिक्स' पर जी मीडिया के साथ हुई खास बातचीत में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने कहा, "अमित शाह के बेटे पकौड़े बेचकर ही रातों-रात अरबपति बने हैं. अमित शाह के बेटे ने पकौड़े और चाय बनाई, रातों-रात खरबपति हो गए. सब की जांच है अपने बेटे की जांच नहीं है."
ये लोग 47 को एक बार रिपीट करना चाह रहे हैं
विनय कटियार के मुसलमानों के हिंदुस्तान से चले जाने के बयान पर आजम खान ने पलटवार करते हुए कहा, "फासिस्ट हैं, नेता इतनी घटिया बात नहीं करते. जाएंगे तो नहीं क्योंकि हम जा सकते नहीं. 18-20 करोड़ को कौन लेगा. रोहिंग्या मुसलमानों का क्या हुआ. वापस जाना पड़ा. मुसलमानों की इतनी बड़ी तादात कहां चली जाएगी. इसके लिए बैठकर बात करनी पड़ेगी. आप हमारी बात आज मानें या कल मानें. हम तो मोहबत से जाना चाहते हैं. आप ही नहीं रखना चाहते तो बैठकर बात करो. हमारी वजह से परेशान हो तो बात तो करो. ये लोग 47 को एक बार रिपीट करना चाह रहे हैं."
अदालत को अपनी ख्वाहिशों से मुतासिर किए जाने की कोशिश
सुप्रीम कोर्ट में रामजन्म भूमि मामले की सुनवाई पर आजम खान ने कहा, "अदालत को अपनी ख्वाहिशों से मुतासिर (प्रभावित) किए जाने की कोशिश हो रही है. अभी यह नहीं कह सकते कि फैसला किसके पक्ष में आएगा. वो असर डालने की कोशिश कर रहे हैं. अभी सुप्रीम कोर्ट में ऐसे जज भी हैं जैसे वो चार थे. 6 दिसंबर को हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी डाइनमाइड से उड़ा दिया गया और दो दिन तक चबूतरा बनता रहा."
कासगंज दंगे में नामजद लोग बेकसूर, गोली छत से नहीं करीब से लगी
कासगंज हिंसा में दर्ज हुए मुकदमों पर टिप्पणी करते हुए सपा नेता आजम खान ने बयान दिया कि कासगंज दंगे में नामजद लोग बेकसूर हैं. उन्होंने कहा, "कासगंज में जितने लोग नामजद किए गए हैं सब बेगुनाह हैं. किसी पर कोई चार्ज लग ही नहीं सकता. क्योंकि यह बात सच ही नहीं है कि गोली छत से मारी है, गोली करीब से लगी है. जब हमने बहुसंख्यकों को नौकरी देने की बात कही तो बुरा लगा हमारी बात का. हमे भूखा मरने दीजिए लेकिन बहुसंख्यक समाज को नौकरी दीजिए. किसी दिन बम ऐसा फटेगा, मोदी जी किसी के रोके से नहीं रुकेगा."