तीसरी लहर की आशंका के बीच केजीएमयू ने शुरू की तैयारियां, बढ़ाए जाएंगे ऑक्सीजन वाले बेड
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तीसरी लहर की आशंका के बीच केजीएमयू ने शुरू की तैयारियां, बढ़ाए जाएंगे ऑक्सीजन वाले बेड

केजीएमयू राजधानी के उन चुनिंदा चिकित्सा संस्थानों में है, जहां लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगा है. हालांकि, इसके बावजूद यहां सभी बेड पर ऑक्सीजन की उपलब्धता नहीं है. संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए सभी बेड पर ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित हो जाएगी.

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लखनऊ:  कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच केजीएमयू (KGMU) ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. तीसरी लहर से निपटने के लिए केजीएमयू तैयार है. तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की आशंका जाहिर की जा रही है, इसके मद्देनजर केजीएमयू में बच्चों के लिए 100 बेड का वार्ड तैयार हो रहा है.

  1. तीसरी लहर से निपटने के लिए केजीएमयू तैयार
  2. केजीएमयू में बढ़ाए जाएंगे ऑक्सीजन बेड
  3. दूसरी लहर के दौरान तैयार किए गए थे 350 कोविड बेड

सभी बेड पर ऑक्सीजन की आपूर्ति होगी सुनिश्चित
केजीएमयू अपने यहां सभी बेड पर ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा. इस समय संस्थान में 3409 बेड चालू हालत में हैं, जिनमें से 2500 पर ही ऑक्सीजन की उपलब्धता है. ऐसे में सभी बेड पर ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए अभी से तैयारियां शुरू हो गई हैं. 

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लगा है लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट 
बता दें कि केजीएमयू राजधानी के उन चुनिंदा चिकित्सा संस्थानों में है, जहां लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगा है. हालांकि, इसके बावजूद यहां सभी बेड पर ऑक्सीजन की उपलब्धता नहीं है. संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए सभी बेड पर ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित हो जाएगी.

दूसरी लहर में हुए तैयार 350 कोविड बेड
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान संस्थान में कोविड के 350 अतिरिक्त बेड शुरू किए गए थे. पूरे प्रदेश में किसी भी अस्पताल के मुकाबले केजीएमयू में सबसे ज्यादा 988 कोविड बेड हैं.

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बच्चों के लिए 100 बेड
तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने के बारे में भले ही वैज्ञानिक एकमत न हों, पर केजीएमयू कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता. संस्थान ने अपने यहां सौ बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सितंबर से पहले यह चालू हालत में होगा. कोरोना संक्रमित बच्चों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में 50 पीडियाट्रिक आईसीयू-एचडीयू बेड और 50 आइसोलेशन बेड ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ संचालित किए जाएंगे. पीआईसीयू वाले जिला अस्पतालों को निकट के मेडिकल कॉलेज से जोड़ा जाएगा. दो से चार जिला अस्पताल एक मेडिकल कॉलेज से जुडेंगे. जो कि 25 बेड वाला पीआईसीयू चलाएंगे.

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