India vs Bharat: क्या लोकसभा चुनाव से पहले बदल जाएगा देश का नाम. यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि जी-20 सम्मेलन के लिए जो निमंत्रण भेजे गए हैं उसमें इंडिया की जगह भारत लिखा गया है. आइए जानते हैं कैसे हुई इंडिया और भारत शब्द की उत्पत्ति
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India vs Bharat Name : क्या लोकसभा चुनाव से पहले बदल जाएगा देश का नाम. यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि जी-20 सम्मेलन के लिए जो निमंत्रण भेजे गए हैं उसमें इंडिया की जगह भारत लिखा गया है. आइए जानते हैं कैसे हुई इंडिया और भारत शब्द की उत्पत्ति
नाम को लेकर भारतीय राजनीति में सियासी आरोप-प्रत्यारोप का ये पहला मामला नहीं है. लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन को संक्षेप में इंडिया नाम देकर भले ही राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया हो लेकिन यह मुद्दा इससे पहले भी तूल पकड़ता रहा है. यहां तक की सुप्रीम कोर्ट में भी इंडिया नाम को लेकर समय-समय पर याचिकाएं पहुंचती रही हैं.
जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत सरकार की ओर से जो जी20 के राष्ट्राध्यक्षों को जो न्यौता भेजा जा रहा है उसमें प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया है. ऐसे में इस मुद्दे ने सियासी फिजा में और भी उबाल ला दिया है.
कैसे हुई है भारत शब्द की उत्पत्ति?
हमारे देश का नाम भारत रखे जाने का इतिहास प्राचीन काल और पौराणिक कथाओं से जुड़ता है. भारतवर्ष के नाम की कहानी तो सीधे ऋषभदेव के पुत्र भरत से जुड़ती है. हिन्दू ग्रन्थ, स्कन्द पुराण (अध्याय-37 के अनुसार) "ऋषभदेव नाभिराज के पुत्र थे, ऋषभ के पुत्र भरत थे.
इधर कई और पुराण भी कहते हैं कि नाभिराज के पुत्र भगवान ऋषभदेव रहे और उनके बेटे रहे भरत, वे चक्रवर्ती थे और उनका साम्राज्य चहूं दिशाओं में फैला था और उनके नाम पर ही हमारे देश का नाम भारतवर्ष पड़ा. यह वह कालखंड था जब भारत को भारतवर्ष, जम्बूद्वीप, भारतखण्ड, आर्यावर्त, हिन्दुस्तान, हिन्द, अल-हिन्द, ग्यागर, फग्युल, तियानझू, होडू जैसे कई दूसरे नामों से भी पुकारा जाता रहा.
इतिहासकारों का कहना है कि मध्यकाल में तुर्क और ईरानी सिंधुघाटी के रास्ते भारत आए. वे “स” का उच्चारण “ह” किया करते थे और इस तरह सिंधु को उन्होंने हिंदू के रूप में पुकारा और आगे इस राष्ट्र का नाम हिंदुस्तान हो गया. यहां तर्क यही था कि भारत में रहने वाले रहवासियों को उन्होंने हिंदू कहा और इस स्थान को हिंदुस्थान कहा.
इंडिया शब्द कैसे आया
इतिहासकारों और भाषा के जानकारों का एक वर्ग कहता है कि सिंधु नदी का दूसरा नाम इंडस भी था जबकि सिंधु सभ्यता के चलते भारत की सिंधु घाटी की सभ्यता को एक और पुरानी सभ्यता युनान जो आज का ग्रीक है वे लोग इंडो या इंडस घाटी की सभ्यता कहा करते थे, ऐसे में इंडस शब्द लैटिन भाषा में पहुंचा तो यह इंडिया हो गया. बता दें कि लैटिन बड़ी पुरानी भाषा रही जो रोमन साम्राज्य की आधिकारिक भाषा थी.
अंग्रेजों के आगमन के साथ ही उस समय हिंदुस्तान के रूप में चर्चित हमारा देश इंडस वैली यानी की सिंधु घाटी की सभ्यता के रूप में भी पहचाना जाता रहा. ऐसे में अंग्रेजों ने इसे इंडस वैली के लिए लैटिन में प्रयोग होने वाले इंडिया को ही हमारे देश का नाम दे दिया और ऐसे ही हमारे देश का नाम पड़ा इंडिया.
कैसे पड़े देश के दो नाम
आजादी के बाद देश में संविधान सभा में देश के नाम पर तीखी बहस हुई
संविधान सभा के सदस्य एचवी कामथ ने बहस की शुरुआत की
दो नाम पर कामथ ने आपत्ति जताई
कामथ ने अनुच्छेद एक में संशोधन का प्रस्ताव रखा
अनुच्छेद एक कहता है 'इंडिया दैट इज भारत'