उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने मांगी मदरसों से जकात में मिलने वाली रकम की पूरी जानकारी
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उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने मांगी मदरसों से जकात में मिलने वाली रकम की पूरी जानकारी

दरसों के साथ ही वहां पढ़ने वाले छात्रों की बेहतरी के लिए तमाम लोग जकात देते हैं. इसमें विशेष रुप से ईद व बकरीद के मौके पर मदरसों को जकात के रूप में बड़ी रकम मिलती है.

एक अनुमान के मुताबिक ये रकम कई लाख हो सकती है लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि इस रकम का इस्तेमाल वास्तव में कहां किया गया.

देहरादून: जकात के नाम पर मदरसों को बड़ी रकम मिलती है लेकिन इस बड़ी रकम को कहां खर्च किया जा रहा है, इसका कुछ पता नही है. यही वजह है कि उत्तराखण्ड मदरसा बोर्ड ने अब प्रदेश के सभी मदरसों से जकात में मिलने वाली रकम की जानकारी मांगी है ताकि, ये पता लग सके कि रकम का इस्तेमाल मदरसों की भलाई में हो रहा है या कुछ लोग इसका फायदा उठा रहे हैं. 

 

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उत्तराखण्ड मदरसा बोर्ड के नए अध्यक्ष बिलाल उर रहमान मे प्रदेश के सभी मदरसों से जकात के रकम की जानकारी मांगी है. इसको लेकर मदरसे से जुड़े कई पदाधिकारियों मे बेचैनी भी है. कहा जा रहा है कि अगर जकात की रकम का सही-सही ब्योरा सामने आ गया तो कईयों को जवाब देना भारी पड़ जाएगा. 

जकात के रूप में मिलती है बड़ी रकम 
दरअसल, मदरसों के साथ ही वहां पढ़ने वाले छात्रों की बेहतरी के लिए तमाम लोग जकात देते हैं. इसमें विशेष रुप से ईद व बकरीद के मौके पर मदरसों को जकात के रूप में बड़ी रकम मिलती है. एक अनुमान के मुताबिक ये रकम कई लाख हो सकती है लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि इस रकम का इस्तेमाल वास्तव में कहां किया गया. मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष बिलाल उर रहमान के नए निर्देश ने मदरसा बोर्ड के जुड़े तमाम अधिकारियों व पदाधिकारियों में हलचल पैदा कर दी है. 

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जरूरत पड़ी तो कराएंगे ऑडिट 
बोर्ड के अध्यक्ष बिलाल उर रहमान का कहना है कि शुरूआती दौर में बोर्ड के जिम्मेदार लोगों से जकात की राशि का पूरा ब्यौरा मांगा गया है. अगर जिम्मेदार अधिकारी ब्यौरा देने में विफल होते हैं तो इसे लेकर स्पेशल ऑडिट कराया जाएगा ताकि सच सामने आ सके. बताते चलें कि प्रदेश में कुल 297 मदरसे हैं जिन्हें मदरसा बोर्ड की मान्यता हासिल है. करीब चार साल पहले मदरसा बोर्ड का गठन हुआ था. तब से लेकर अब तक जकात की रकम का कोई ब्यौरा कभी नही मांगा गया. ये पहली बार है जब बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा जानकारी मांगी गई है. 

सही इस्तेमाल से बदल सकती है दशा और दिशा 
कहा जा रहा है बोर्ड को जकात के तौर पर इतनी बड़ी रकम मिलती है कि अगर इसका वास्तविक इस्तेमाल किया जाए तो प्रदेश के तमाम मदरसों की दशा और दिशा में बड़ा सुधार किया जा सकता है. जी मीडिया से बात करते हुए बोर्ड के अध्यक्ष बिलाल रहमान ने कहा अभी हाल ही में उन्होंने बोर्ड के अध्यक्ष का पद संभाला है. मकसद यह है कि मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को बेहतर और आधुनिक शिक्षा हासिल हो. सभी प्रयास इसी दिशा में किए जा रहे हैं.

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