Padma Khanna Bhojpuri Film : रामानंद सागर की 'रामायण' में पद्मा खन्ना ने कैकयी का किरदार निभाया और रातोंरात फेमस हो गई लेकिन उनके आगे की जिंदगी कैसी बीती और कैसा रहा उनका करियर, आइए इस बारे में जानते हैं.
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Padma Khanna Bhojpuri Film : पद्मा खन्ना (Padma Khanna) ने रामानंद सागर की ‘रामायण’ में एक रोल निभाया जिससे बतौर एक्टर उन्हें पहचाना जाने लगा. ये रोल था कैकेयी का जिसको प्ले करने के बाद पद्मा खन्ना रातोंरात फेमस हो गईं. दूरदर्शन पर साल 1987 में प्रसारित किए गए‘रामायण’ (Ramayan) के हर एक किरदार की हमेशा ही चर्चा होती रहती है, अरुण गोविल के राम और दीपिका चिखलिया के सीता के किरदार को तो लोगों ने सचमुच के राम और सीता समझ लिया था. इस शो में कैकयी का किरदार निभाने वाली पद्मा खन्ना ने भी अपने रोल को अपनी एक्टिंग से जिवंत बना दिया था. माता कैकयी ने राजा दशरथ से श्री राम के लिए 14 वर्ष का वनवास मांगा था. ऐसे में पद्मा खन्ना को कैकेयी के किरदार को निभाने के लिए काफी आलोचना झेलनी पड़ी. पद्मा बिहार के पटना की मूलतः रहने वाली है और साल 1961 में फिल्म भैया से उन्होंने डेब्यू किया था. हालांकि फिल्म रिलीज हो नहीं पाई लेकिन फिर 2 साल बाद 1963 में आई फिल्म गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इवो में उन्होंने डेब्यू किया.
पद्मा खन्ना की भोजपुरी फिल्मों की लिस्ट
पद्मा खन्ना ने इसके बाद कई और फिल्में कीं, जैसे कि-
बिदेसिया, बालम परदेसिया
बसुरिया बाजे गंगा तीरे
धरती मैया, माई
दगाबाज बलमा
बहुरिया
तुलसी सोहे हमार अंगना
कई और भोजपुरी फिल्में
बॉलीवुड फिल्मों में लीड रोल
उन्होंने इस बीच कई बॉलीवुड फिल्मों में लीड रोल किए साथ ही कई सपोर्टिंग रोल भी निभाए. फिल्म सौदागर में उन्होंने अमिताभ बच्चन के ऑपोजिट उनकी पत्नी का रोल निभाया था. इसके अलावा उन्होंने फिल्म दाम राजेश खन्ना के साथ काम किया.
‘रामायण’ने कैसे नसीब बदल दिया
पद्मा खन्ना बॉलीवुड में कुछ खास नाम नहीं बना पाईं, तब वह भोजपुरी फिल्मों की एक टॉप एक्ट्रेस रही और भोजपुरी फिल्ममेकर्स भी उनको अपनी पसंद की लिस्ट में पहले नंबर पर रखते थे. वहीं रामानंद सागर की ‘रामायण’ में जब उन्होंने कैकयी का किरदार निभाया तो रातोंरात पहचानी जाने लगीं और स्टार बन गईं.
पद्मा खन्ना शिफ्ट हुईं अमेरिका
पद्मा खन्ना को कैकयी के रोल से ख्याति तो मिली लेकिन आलोचनाएं भी झेलनी पड़ीं. दरअसल, रामायण में कैकयी ने राजा दशरथ ने श्रीराम के लिए वनवास मांगा था. 1990 में अमेरिका के न्यूजर्सी में पद्मा शिफ्ट हो गईं और एक कथक अकादमी खोली जिसे उनके बेटे अब चलाने में उनकी मदद कर रहे हैं.
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