मायावती ने UP उपचुनाव में BJP और हरियाणा की हार का ठीकरा कांग्रेस के सिर फोड़ा
मायावती ने UP में अपनी पार्टी की हार को छिपाने के लिए BJP पर आरोप लगाते हुए ट्वीट किया कि यूपी उपचुनाव में उनकी हार BJP के लोगों की एक साजिश है. BJP के लोग 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में जुटे पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ना चाहते हैं.
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लखनऊ: बसपा (BSP) सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश (UP) विधानसभा चुनाव में हार का ठीकरा भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सिर पर फोड़ा. मायावती ने UP में अपनी पार्टी की हार को छिपाने के लिए BJP पर आरोप लगाते हुए ट्वीट किया कि यूपी उपचुनाव में उनकी हार BJP के लोगों की एक साजिश है. BJP के लोग 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में जुटे पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ना चाहते हैं इसीलिए उन्होंने जानबूझकर समाजवादी पार्टी (SP) को जिता दिया. इस ट्वीट के माध्यम से मायावती ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संदेश देने की कोशिश की कि उपचुनाव की हार से निराश होने की जरूरत नहीं है, आगे आने वाले 2022 विधानसभा चुनाव की तैयारी करो.
यूपी विधानसभा आमचुनाव से पहले बीएसपी के लोगों का मनोबल गिराने के षडयंत्र के तहत बीजेपी द्वारा इस उपचुनाव में सपा की कुछ सीटें जिताने व बीएसपी को एक भी सीट नहीं जीतने देने को पार्टी के लोग अच्छी तरह से समझ रहे हैं। वे इनके इस षडयंत्र को फेल करने के लिए पूरे जी-जान से जरूर जुटेंगे।
— Mayawati (@Mayawati) October 24, 2019
उत्तर प्रदेश में 11 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के रिजल्ट आज (24 अक्टूबर) आए. मायावती की पार्टी BSP के कैंडिडेट 11 में एक भी सीट जीत नहीं पाए. यूपी उपचुनाव में 11 में से 7 सीटों पर BJP, 3 सीटों पर SP और अपना दल (सोनेलाल) पार्टी को जीत मिली है. मायावती की पार्टी केवल दो सीट अंबेडकरनगर जिले की जलालपुर और हाथरस जिले की इगलस सीट दूसरे नंबर पर रही.
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दूसरी तरफ हरियाणा में हुए विधानसभा चुनावों में BSP को कड़ी हार का मुंह देखना पड़ा. इस बार BSP का एक भी विधायक हरियाणा विधानसभा में नहीं पहुंच पाया. मायावती ने हरियाणा की हार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया. मायावती ने ट्वीट करके कहा कि हरियाणा की जनता बीजेपी सरकार से परेशान थी, वो बीजेपी को हटाना चाहती थी. लेकिन कांगेस पार्टी ने अपने स्वार्थ के लिए इस बात का बहुत प्रचार किया कि अगर BJP के खिलाफ वाले वोट बंट जाएंगें तो BJP जीत जाएगी. इससे बीएसपी के समर्पित वोटर तो कतई नहीं डिगे परन्तु अन्य वोटर जरूर भ्रमित हो गए. मायावती ने इस ट्वीट के माध्यम से अपने घटते वोटबैंक को छिपाने की कोशिश की.
1. हरियाणा की जनता भी बीजेपी सरकार के कुशासन से काफी दुःखी व त्रस्त थी और इनसे मुक्ति चाहती थी। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने अपने स्वार्थ के लिए जनता में वोटों के बंटने के भय को खूब प्रचारित किया। इससे बीएसपी के समर्पित वोटर तो कतई नहीं डिगे परन्तु अन्य वोटर जरूर भ्रमित हो गए।
— Mayawati (@Mayawati) October 24, 2019
मायावती ने तीसरे ट्वीट में कहा कि कांग्रेस के झूठे प्रचार परिणाम यह हुआ कि बीएसपी इस बार हरियाणा विधानसभा आमचुनाव में सीट जीतने में सफल नहीं हो सकी, हालाँकि बीएसपी को पिछली बार से ज्यादा वोट मिले हैं. मायावती ने इस ट्वीट में कहने की कोशिश की कि कांग्रेस के झूठे प्रचार करके लोगों को बरगलाया इसीलिए कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा.
2. इसका परिणाम यह हुआ कि बीएसपी इस बार हरियाणा विधानसभा आमचुनाव में सीट जीतने में सफल नहीं हो सकी, हालाँकि बीएसपी को पिछली बार से ज्यादा वोट मिले हैं।
— Mayawati (@Mayawati) October 24, 2019
दरअसल मायावती की पार्टी BSP आजतक उत्तर प्रदेश के बाहर कभी भी बड़ी पार्टी नहीं बन पाई. BSP की यूपी के बाहर के विधानसभा चुनावों में बस यही कोशिश रहती है किसी तरीके प्रदेश में त्रिशंकु सरकार बनें और उनके विधायकों किंगमेकर बन जाएं. अगर आज की बात करें तो राजस्थान और मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार में शामिल हैं और किंगमेकर की भूमिका में हैं. इन प्रदेशों में अगर BSP समर्थन वापस ले लेती है तो सरकार गिर सकती है.
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