AMU में जिन्ना की तस्वीर हटाने की मांग को लेकर आगे आए अयोध्या के संत, कही यह बात
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AMU में जिन्ना की तस्वीर हटाने की मांग को लेकर आगे आए अयोध्या के संत, कही यह बात

संतों का कहना है कि जिन्ना की तस्वीर लगाए जाने की मांग करना कहीं न कहीं दूषित है. जिसने देश को बांटने का और काटने का काम किया है, उसकी मूर्तियां लगना सही नहीं है...

AMU में जिन्ना की तस्वीर हटाने की मांग को लेकर आगे आए अयोध्या के संत, कही यह बात

मनमीत गुप्ता/अयोध्या: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में लगी जिन्ना की तस्वीर पर सियासत गर्मा गई है. रामनगरी अयोध्या के संतों में भी इस बात का रोष दिख रहा है. अयोध्या के संत समाज ने एएमयू से जिन्ना की तस्वीर हटाए जाने की मांग की है. जगतगुरु राम दिनेश चार्य का कहना है कि जब देश का बंटवारा हो गया, तो जिन्ना की तस्वीर यहां क्यों लगी हैं? पाकिस्तान में तो गांधी जी की मूर्ति नहीं लगाई गई. संतों का कहना है कि जिसने देश को बांटने का काम किया है, उसकी तस्वीरों की कोई जरूरत नहीं है. एएमयू से मूर्ति हटनी चाहिए या तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं, तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने भी जिन्ना की तस्वीर हटाए जाने की मांग की है.

संतों का कहना है कि जिन्ना की तस्वीर लगाए जाने की मांग करना कहीं न कहीं दूषित है. जिसने देश को बांटने का और काटने का काम किया है, उसकी मूर्तियां लगना सही नहीं है. संतों का कहना है कि जिसको जिन्ना से प्रेम है, उसको देश छोड़ कर चले जाना चाहिए और वहीं रहना चाहिए. निश्चित रूप से मूर्ति वहां से हटनी चाहिए.

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राजनीतिक पार्टियों की भी आईं प्रतिक्रिया
कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन रावत का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी ध्रुवीकरण की सियासत लगातार करते जा रही है. जिस तरह से भाजपा नेता ने जो प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है मैं समझता हूं कि भाजपा नेताओं को उत्तर प्रदेश में जंगलराज व्याप्त है वो नहीं दिखा. वहीं, सपा प्रवक्ता अज़ीज़ खान का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के पास 4.5 साल के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश की जनता को दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है. उपलब्धि के नाम पर शून्य है. इसलिए जनता का ध्यान मुद्दे से भटकाने के लिए आए दिन नए-नए शिगोफों को जन्म देती है.

वहीं, भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा है कि आखिर कौन थे मोहम्मद अली जिन्ना? कराची में पैदा हुए. कराची में ही उनका स्वर्गवास हुआ. भारत के विभाजन की नींव रखी गई. धर्म के आधार पर पाकिस्तान का गठन करवाया गया. ऐसे व्यक्ति की फोटो किसी शिक्षण संस्थान में क्यों होनी चाहिए?

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पीएम को खून से लिखा गया था पत्र
जिन्ना की तस्वीर हटाए जाने को लेकर बीजेपी के कार्यकर्ता भी आगे आए थे. बीते गुरुवार ही कार्यकर्ताओं ने पीएम मोदी को खून से पत्र लिखा था. बता दें, एएमयू में जिन्ना की तस्वीर को लेकर बवाल सामने आते रहे हैं. अलीगढ़ सांसद सतीश कुमार गौतम ने भी इस मुद्दे को कई बार उठाया है. लेकिन उनके बयान पर एएमयू के कई स्टूडेंट्स ने विरोध किया था. 

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