Lok Sabha Chunav: 10 रुपये में दवा देने वाला एमबीबीएस डॉक्टर कैसे बना मुरादाबाद का सांसद, एसटी हसन की दिलचस्प है कहानी
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Lok Sabha Chunav: 10 रुपये में दवा देने वाला एमबीबीएस डॉक्टर कैसे बना मुरादाबाद का सांसद, एसटी हसन की दिलचस्प है कहानी

SP Candidates Syed Tufail Hasan: सपा प्रत्याशी डॉ. एसटी हसन को साल 2014 में बीजेपी प्रत्याशी सर्वेश सिंह ने मात दी और फिर साल 2019 डा. एसटी हसन ने सर्वेश सिंह को हराते हुए पटकनी दे दी. अब फिर दोनों आमने सामने हैं.

Moradabad Lok Sabha

Moradabad Lok Sabha Seat: मुरादाबाद लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर सपा के मौजूदा सांसद डा. एसटी हसन को प्रत्याशी के रूप में उतारा है जिसके सामने उनके चिर प्रतिद्वंदी और बीजेपी के पूर्व सांसद सर्वेश सिंह हैं. दोनों के बीच फिर आमने सामने का मुकाबला होने वाला है. हालांकि, एक-एक बार जीत हालिसकर दोनों बराबरी पर है. सपा प्रत्याशी डॉ. एसटी हसन को बीजेपी प्रत्याशी सर्वेश सिंह ने साल 2014 में मात दी और फिर 2019 डा. एसटी हसन ने सर्वेश सिंह को पटकनी दे दी. अब फिर से भाजपा और सपा के उमीदवार के तौर पर दोनों आमने सामने हैं.

2014 और 2019 का चुनाव 
सपा-बसपा गठबंधन में सपा के टिकट पर साल 2019 में डॉ. एसटी हसन चुनाव जीत कर संसद पहुंचे. हालांकि, 2014 में मुरादाबाद लोकसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव में उम्मीदवारी कर चुके थे लेकिन मोदी लहर ने उन्हें जीतने नहीं दिया और बीजेपी से सर्वेश सिंह ने उन्हें मात दे दिया. दो बार के चुनाव में सर्वेश सिंह और एसटी हसन का आमना सामना हो चुका है और फिर से दोनों पार्टियों नें इन्हीं दोनों नामों पर विश्वास जताया है. मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र में ही आने वाले बढ़ापुर विधानसभा क्षेत्र से सर्वेश सिंह के बेटे विधायक हैं. 

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एसटी हसन 
एसटी हसन की बात करें तो वो राजनीति के पुराने खिलाड़ी हैं. साल 2006 में मुरादाबाद नगर निगम से उन्हें महापौर चुना गया. लेकिन लोकसभा चुनाव का राजनीतिक और रणनीतिक समीकरण में हर बार बदलाव होता रहता है. साल 2014 में मोदी लहर चल रही थी तो वहीं 2019 में सपा-बसपा साथ थी. इस बार सपा कांग्रेस के साथ है और बसपा मैदान में अकेले ही दौड़ लगाने को तैयार है. बीजेपी को रालोद ने अपना साथ दिया है. इस बार की लोकसभा की राजनीति दिलचस्प हो गई और चुनाव भी रोचक हो गया. डा.एसटी हसन का पूरा नाम है सैयद तुफैल हसन जो साल 2009 में सपा छोड़ बसपा में शामिल हो गए, फिर बाद में लोटकर समाजवादी पार्टी में ही आ गए.

शहर के मुहल्ला फैजगंज के रहने वाले डॉ. एसटी हसन 1981 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी से अपना एमबीबीएस पूरा किया, उन्होंने मास्टर इन सर्जरी (एमएस) किया है. साल 1985 में अपने घर में ही इन्होंने अस्पताल खोल लिया और शुरू शुरू में केवल दस रुपये फीस रखी. खास बात ये है कि आज यह फीस बढ़कर केवल तीस रुपये तक ही पहुंची है. जिसके कारण डा. एसटी हसन की शहर में अच्छी पहचान हो गई. यह एक बड़ा कारण भी बना जब पहली बार चुनाव लड़ने पर जनता ने उन्हें महापौर चुन लिया. समाजसेवा के काम के लिए डा. एसटी हसन जाने जाते हैं. हालांकि, सांसद बनने के बाद डा. एसटी हसन की प्रैक्टिस कम होने लगी लेकिन घर पर जब भी होते हैं सासंदी के जरिए जनता की और डॉक्टरी के जरिए मरीजों की समस्या सुनते हैं.

सांसद डा. एसटी हसन बताते हैं कि वो विधवा, बेसहारा और यतीमों का नि:शुल्क ही इलाज किया करते हैं. पिता जी ने शुरू में ही कह दिया था कि पैसे के लिए परेशान नहीं होना चाहिए. डा. एसटी हसन की पत्नी रिजवाना होम मेकर हैं और बेटी डा. अनम फात्मा भी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर चुकी है और पिता के अस्पताल में ही शाम के समय बैठती हैं. बेटे दानियाल हसन की मेरठ से एमबीबीएस की पढ़ाई इस साल पूरी होने वाली है.

मुरादाबाद लोकसभा की तीन विधानसभा सीट
मुरादाबाद लोकसभा सीट में 4 विधानसभा क्षेत्र है- कांठ, ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद नगर, मुरादाबाद देहात जोकि मुरादाबाद जिले में हैं. वहीं बिजनौर जिले में बढ़ापुर विधानसभा क्षेत्र है. फिलहाल, नगर और बढ़ापुर से विधायक बीजेपी के हैं व कांठ, मुरादाबाद ग्रामीण के साथ ही ठाकुरद्वारा में विधायक सपा के ही काबिज हैं.

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