कैराना लोकसभा सीट पर तबस्सुम ने बीजेपी की मृगांका को 44618 मतों से हराया.
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लखनऊ: गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव के बाद उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट और नूरपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव में भी विपक्षी एकजुटता के आगे सत्तारूढ़ बीजेपी को एक बार फिर शिकस्त का सामना करना पड़ा और दोनों ही सीटों पर सपा-आरएलडी गठबंधन के प्रत्याशियों ने गुरुवार को जीत हासिल कर ली.
बीजेपी कैराना में अपनी जीत पक्की मान रही थी, क्योंकि पार्टी यहां से लोगों के पलायन का मुद्दा उठाकर बहुत पहले से सियासी जमीन तैयार कर रही थी. पूर्व बीजेपी सांसद हुकुम सिंह के इस क्षेत्र पर पार्टी को काफी भरोसा था. गोरखपुर और फूलपुर में हार से सबक लेते हुए सत्ताधारी पार्टी ने यहां प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. इतना कुछ होने के बाद इस लोकसभा सीट पर तबस्सुम ने बीजेपी की मृगांका सिंंह को 44618 मतों से हराया. तबस्सुम को 481182 और मृगांका को 436564 वोट मिले.
मृगांका ने कहा, "बीजेपी के लिए कई मतदाता वोटिंग के लिए नहीं निकले जिसके चलते महागठबंधन कुछ हजार वोटों से जीत गया. गठबंधन की ताकत दिखी है, इसलिए ये परिणाम आया है. जो भी फैसला आया है, उसका मैं सम्मान करती हूं. मैं तबस्सुम हसन को धन्यवाद देना चाहती हूं. हमें भविष्य में इसकी काट निकालनी होगी."
क्या गन्ने का बकाया भुगतान हार की वजह रहा? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "गन्ने के बकाया भुगतान को लेकर किसानों मे जरूर असंतोष था. जो सुविधाएं सरकार ने दी हैं, शायद उनको हम पहुंचाने में सफल नहीं रहे."
Many voters did vote for BJP but with a lead of some thousand votes alliance has won. I would like to congratulate the candidate. The alliance has emerged strong and now we have to prepare better for future: Mriganka Singh, BJP Kairana candidate pic.twitter.com/yRbPc2g72Y
— ANI UP (@ANINewsUP) May 31, 2018
बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा की सीट थी कैराना
बीजेपी ने भी कैराना लोकसभा सीट को प्रतिष्ठा से जोड़कर रखा था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा क्षेत्र में चुनावी जनसभाएं कीं, तो बीजेपी के कई मंत्री, सांसद, विधायकों के अलावा आरएसएस की टीमें भी चुनाव प्रचार में लगाई गई थीं. मगर कुछ भी काम न आया. पूर्व सांसद हुकुम सिंह का निधन होने से रिक्त हुई कैराना लोकसभा सीट पर सहानुभूति की हवा को देखते हुए बीजेपी ने हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को ही प्रत्याशी बनाया था. बीजेपी नेताओं ने मुजफ्फरनगर के सांप्रदायिक दंगा, कैराना पलायन का मुद्दा भी जोर शोर से उठाया था.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि कैराना और नूरपुर की जनता, कार्यकर्ताओं, उम्मीदवारों व सभी एकजुट दलों को जीत की हार्दिक बधाई. अखिलेश ने कहा कि कैराना में सत्ताधारियों की हार उनकी अपनी ही प्रयोगशाला में, देश को बांटने वाली उनकी राजनीति की हार है. ये एकता-अमन में विश्वास करने वाली जनता की जीत व अहंकारी सत्ता के अंत की शुरुआत है.
Jo khel woh (BJP) humaare saath khelte the, wahi khel humne seekha hai unse. Yeh kaha gaya ki kisaanon ka karz maaf hoga, par hua kya? Balki kisaanon ki jaan chali gayi. Yeh bahot bada dhokha hai: Akhilesh Yadav, SP Party President. #BypollResults2018 pic.twitter.com/xWremb5c6t
— ANI UP (@ANINewsUP) May 31, 2018
नूरपुर सीट पर बीजेपी बेनूर
दूसरी ओर, नूरपुर विधानसभा सीट पर सपा प्रत्याशी नईमुल हसन ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी की अवनी सिंह को 5662 मतों से शिकस्त दी. निर्वाचन अधिकारी ध्रुव त्रिपाठी द्वारा घोषित चुनाव नतीजे के अनुसार हसन को 94875 जबकि अवनी को 89213 वोट मिले. कैराना लोकसभा उपचुनाव में जीत के साथ 16वीं लोकसभा में आरएलडी ने अपना खाता खोल लिया है. वहीं, नूरपुर सीट में जीत के साथ राज्य विधानसभा में सपा सदस्यों की संख्या बढ़कर 48 हो गई है.
मालूम हो कि कैराना सीट पर सपा ने आरएलडी उम्मीदवार को समर्थन दिया था. वहीं, नूरपुर में आरएलडी ने सपा का सहयोग किया है. इन दोनों ही सीटों के उपचुनाव के लिये गत 28 मई को वोट पड़े थे. मतदान के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में गड़बड़ी की शिकायतें आई थीं. कैराना सीट पर कल 73 मतदान केन्द्रों पर पुनर्मतदान हुआ था. कैराना उपचुनाव जीतीं तबस्सुम ने इसे जनता की विजय करार देते हुए इसके लिये आरएलडी, सपा, बसपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं तथा कार्यकर्ताओं का शुक्रिया अदा किया.
(इनपुट एजेंसी से)