UP Nikay Chunav : मंत्रियों को सौंपा नगर निगम जिताने का जिम्मा, जानें किस डिप्टी सीएम और मंत्री को किस क्षेत्र का मिला प्रभार
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UP Nikay Chunav : मंत्रियों को सौंपा नगर निगम जिताने का जिम्मा, जानें किस डिप्टी सीएम और मंत्री को किस क्षेत्र का मिला प्रभार

UP Nagar Nikay Chunav 2023 : उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव की तारीखों की घोषणा के पहले बीजेपी ने नगर निगमों का प्रभार योगी आदित्यनाथ सरकार के तमाम मंत्रियों और दोनों उप मुख्यमंत्रियों को सौंपा है. 

 

 

Nagar Nigam Election 2023 in UP

UP Nagar Nikay Chunav 2023 : उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव की तैयारियों में भाजपा दूसरे दलों पर बढ़त बनाते हुए दिख रही है. उसने निकाय चुनाव के लिए अपने प्रभारियों में बड़ा बदलाव किया है. यूपी बीजेपी ने निकाय चुनाव से पहले दोनों डिप्टी सीएम यानी उप मुख्यमंत्री (बृजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य) को 25-25 जिलों की जिम्मेदारी सौंपी है.  

आगरा नगर निगम प्रभारी ऊर्जा नगर विकास मंत्री एके शर्मा को बनाया गया है. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के इलाके शाहजहांपुर नगर निगम के प्रभारी नरेंद्र कश्यप बने हैं.  वाराणसी नगर निगम के प्रभारी पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह बनाए गए हैं. कानपुर के प्रभारी औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी बनाए गए हैं.  मुरादाबाद के प्रभारी पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद नियुक्त किए गए हैं.  सहारनपुर के प्रभारी मंत्री योगेंद्र उपाध्याय नियुक्त किए गए हैं.  गाजियाबाद नगर निगम के प्रभारी की जिम्मेदारी कन्नौज से विधायक असीम अरुण को सौंपी गई है. झांसी नगर निगम की प्रभारी बेबी रानी मौर्य बनाई गई हैं.

मालूम हो कि पिछली बार नगर निगम चुनाव में बीजेपी ने 16 में से 14 सीटें जीती थीं. इसमें कानपुर, लखनऊ, आगरा, प्रयागराज जैसे बड़े नगर निगम शामिल हैं. इस बार बीजेपी की निगाह सभी 17 नगर निगमों पर जीत का है, ताकि शहरी क्षेत्र में अपना दबदबा कायम रखा जा सके. ऐसे में हर क्षेत्र में प्रभारी के तौर पर मंत्री की नियुक्ति कर पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. 

पार्टी ने मंत्रियों को उनके गृह नगर में जिम्मेदारी देने के बजाय दूसरे महानगरों की जिम्मेदारी सौंपी है. प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने नगर निकाय चुनाव आरक्षण की घोषणा के दिन ही बड़ी बैठक वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये की थी. 

पार्टी ने स्पष्ट किया है कि इस बार वो उम्मीदवारों का चयन सामूहिक आधार पर करेगी, ताकि पंचायत चुनाव जैसी गलती न दोहराई जाए. पंचायत चुनाव के दौरान कार्यकर्ताओं ने प्रत्याशियों के चुनाव में मनमानेपन का आरोप स्थानीय नेताओं पर लगाया था. 

 

 

 

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