छोटे शहरों में बिना नक्शा नहीं बना पाएंगे घर, CM योगी का ये मास्टर प्लान खत्म कर देगा अवैध निर्माण का खेल!
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छोटे शहरों में बिना नक्शा नहीं बना पाएंगे घर, CM योगी का ये मास्टर प्लान खत्म कर देगा अवैध निर्माण का खेल!

Master Plan For Small Cities: योगी सरकार की अब छोटे शहरों के लिए भी मास्टर प्लान बनाने की तैयारी है. प्रदेश के 63 ऐसे शहर हैं, जहां महानगर की तर्ज पर जमीन का इस्तेमाल करने के आधार पर नक्शा पास किया जाएगा.

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Lucknow News: छोटे शहरों का सुनियोजित ढंग से विकास और बिल्डिंग निर्माण में मनमानी रोकने के लिए योगी सरकार की अब छोटे शहरों के लिए भी मास्टर प्लान बनाने की तैयारी है. प्रदेश के 63 ऐसे शहर हैं, जहां महानगर की तर्ज पर जमीन का इस्तेमाल करने के आधार पर नक्शा पास किया जाएगा. आवास विभाग के आला अधिकारी भी इसको लेकर तैयारियों में जुटे हैं. 

छोटे शहरों के लिए बनेंगे मानक
बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ साफ कह चुके हैं कि बड़े सिटी की तरह ही छोटे शहरों के विकास और बिल्डिंग निर्माण के लिए मानक तैयार किए जाएं. अभी तक 1 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया था, वहीं अब अब 50 हजार से एक लाख की आबादी वाले 63 शहरों के लिए भी मास्टर प्लान की तैयारी है. आवास विभाग भवन निर्माण एवं विकास इसी प्लानिंग कर रहा है.

कहां लागू होगा मास्टर प्लान?
इसे उन शहरों में लागू किया जाएगा, जहां विकास प्राधिकरण नहीं है, यानी नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत वाले शहर इसके दायरे में आएंगे. अमृत योजना से जुड़े 59 शहरों के लिए विभाग पहले चरण का मास्टर प्लान तैयार कर रहा है जो आखिरी चरण में है. जबकि दूसरे राउंड में 63 और शहरों के लिए मास्टर प्लान लागू करने की तैयारी है. 

बिना प्लानिंग शहरों का विस्तार और अवैध निर्माण समस्या
दरअसल, छोटे शहरों का बिना प्लानिंग के विस्तार हो रहा है, साथ ही भवन निर्माण के लिए कोई मानक तय नहीं हैं, लोग मनमाने ढंग से निर्माण कार्य कराते हैं. सड़कों के किनारे की जमीन पर बने घर और कॉमर्शियल बिल्डिंग खतरे को बढ़ाते हैं. प्लान तैयार होने के बाद इसके मुताबिक ही भवन निर्माण की अनुमति दी जाएगी और नक्शा पास किया जाएगा. 

अभी तक क्या है नियम? 
वो शहर जहां विकास प्राधिकरण नहीं है, वहां नगर निकाय का बोर्ड नियमानुसार नक्शा पास करता है. इसमें जमीन का किस तरह से इस्तेमाल किया जाएगा और तल पट क्षेत्र अनुपात (एफएआर) का कोई ख्याल नहीं रखा जाता है. जिसके चलते बड़े नक्शे पास करने में जमकर मनमानी होती है.

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