एनडी तिवारी की पत्नी ने CM योगी से बंगला खाली करने की मांगी 1 साल की मोहलत
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एनडी तिवारी की पत्नी ने CM योगी से बंगला खाली करने की मांगी 1 साल की मोहलत

योगी को लिखे अपने पत्र में उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी मुश्किल और अनिश्चित परिस्थितियों में मेरे या मेरे पुत्र रोहित शेखर तिवारी के लिए लंबे समय तक दिल्ली से बाहर रहना संभव नहीं है.’’ 

उत्तर प्रदेश सरकार ने गत 17 मई को पूर्व मुख्यमंत्रियों को उनके सरकारी बंगले खाली करने के लिए नोटिस भेजे.(फाइल फोटो)

देहरादून: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी की पत्नी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर तिवारी के खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए लखनऊ में उन्हें आवंटित सरकारी आवास खाली करने के लिए कम से कम एक वर्ष का समय मांगा है. तिवारी की पत्नी उज्ज्वला तिवारी ने कहा कि वयोवृद्ध नेता का पिछले आठ माह से नयी दिल्ली के एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है. योगी को लिखे अपने पत्र में उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी मुश्किल और अनिश्चित परिस्थितियों में मेरे या मेरे पुत्र रोहित शेखर तिवारी के लिए लंबे समय तक दिल्ली से बाहर रहना संभव नहीं है.’’

उत्तर प्रदेश के चार बार और उत्तराखंड के पहले मुख्यमंत्री 
उत्तर प्रदेश के चार बार और उत्तराखंड के पहले मुख्यमंत्री रह चुके तिवारी पिछले साल 20 सितंबर को हुए मस्तिष्काघात के बाद से दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती हैं. तिवारी की पत्नी ने भावनात्मक रूप से लिखा, ‘‘मैं और मेरा परिवार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं लेकिन आपको पता है कि तिवारी अपने जीवन के अंतिम चरण में हैं और यह नहीं कहा जा सकता कि कब क्या हो जायेगा.’’ 

सुप्रीम कोर्ट ने हाल में उत्तर प्रदेश के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से अपने सरकारी आवास खाली करने को कहा है. इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने गत 17 मई को पूर्व मुख्यमंत्रियों को उनके सरकारी बंगले खाली करने के लिए नोटिस भेजे. तिवारी के खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उनकी पत्नी ने कहा है कि उन्हें लगातार निगरानी और देखभाल की जरूरत है. आजादी से पहले और बाद में राष्ट्र निर्माण में तिवारी के महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए उन्हें लखनऊ में 1ए मॉल एवेन्यू स्थित बंगले को खाली करने के लिए कम से कम एक साल का समय दिया जाना चाहिए. 

कब से आवंटित है बंगला
आपको बता दें कि एनडी तिवारी को माल एवेन्यू में 1989 से बंगला आवंटित है. कल्याण सिंह को माल एवेन्यू में ही साल 1991 से आवंटित है. सपा नेता मुलायम सिंह यादव को विक्रमादित्य मार्ग में साल 1992 से बंगला आवंटित है. जिसका किराया 13, 478 रुपए प्रति माह है. वहीं साल 2000 में यूपी के मुख्यमंत्री रहे राजनाथ सिंह को कालिदास में बंगला आवंटित, जिसका किराया 5 हजार 320 रुपए हैं. बसपा नेता और पूर्व सीएम मायावती को मॉल एवेन्यू में साल 1995 से बंगला आवंटित है. वहीं अखिलेश यादव को बंगला भी विक्रमादित्य मार्ग पर हैं, अखिलेष का सरकारी बंगला अपने पिता मुलायम सिंह के बंगले के ठीक बराबर में है. अखिलेश यादव को साल 2016 से ये बंगला आवंटित है. 

मरम्मत पर खर्च होते हैं लाखों रुपए
दरअसल, 1980 से ही यूपी में पूर्व मुख्यमंत्रियों को ताउम्र आवास की सुविधा दी जा रही है, ये बंगले शहर के वीवीआईपी इलाकों में बने हैं, जिनका किराया बेहद कम है. लेकिन इनकी मरम्मत पर हर साल लाखों रुपये खर्च होते हैं.  

SC ने दिया आदेश
पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिले बंगले को सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया, जिसके बाद राज्य संपत्ति विभाग ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगला खाली कराने के लिए नोटिस भेजा है. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश मिनिस्टर्स सैलरिज, अलाउंस और अन्य सुविधा वाले कानून में संशोधन को असंवैधानिक करार दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा कि एक बार मुख्यमंत्री अपने पद से हट जाता है तो वो एक आम नागरिक हो जाता है.

6 पूर्व मुख्यमंत्री खाली करेंगे बंगला
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का असर यूपी के 6 पूर्व मुख्यमंत्रियों पर पड़ेगा. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी, कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, मुलायम सिंह और मायावती को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना होगा. 

चार पूर्व मुख्यमंत्रियों ने रिसीव किया नोटिस
जानकारी के मुताबिक, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा अध्यक्ष मायावती, राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने नोटिस रिसीव कर लिया है. वहीं सपा नेती मुलायम सिंह और कांग्रेस नेता नारायण दत्त तिवारी ने अभी तक नोटिस रिसीव नहीं किया.

इनपुट भाषा से भी 

 

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