NEET सॉल्वर गैंग मामले में गिरोह के सरगना के खिलाफ पुलिस को अहम जानकारी हाथ लगी है. जांच में पता चला है कि PK का असली नाम नीलेश सिंह है और वह छपरा, बिहार का रहने वाला है.
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वाराणसी: NEET सॉल्वर गैंग मामले में गिरोह के सरगना के खिलाफ पुलिस को अहम जानकारी हाथ लगी है. जांच में पता चला है कि PK का असली नाम नीलेश सिंह है और वह छपरा, बिहार का रहने वाला है. यह भी पता चला है कि वह पटना में 4 मंजिला आलीशान मकान में रहता है और महंगी गाड़ियों का शौकीन है. फिलहाल, पीके उर्फ नीलेश सिंह परिवार सहित फरार चल रहा है. इतना ही नहीं, आस-पड़ोस के लोगों से बात करने पर मालूम हुआ है कि वह अपने आप को डॉक्टर बताता था.
8 साल से इस काम में है सक्रिय
NEET सॉल्वर गैंग का सरगना पीके उर्फ नीलेश सिंह 8 साल से इस फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहा है. इससे पहले 2016 में भी उसका नाम ऐसे ही केस से जुड़ा था, जब एसटीएफ ने सारनाथ के एक सेंटर से इलेक्ट्रानिक डिवाइस के साथ अभ्यर्थी को पकड़ा था. तब उसका असली नाम नीलेश सामने आया था, जिसके बाद बचने के साथ सिंडिकेट खड़ा करने के लिए अलग-अलग नामों का सहारा लेता था.
'PK ने बताई एग्जाम सॉल्व कर पैसे कमाने की तरकीब'
दो साल पहले वह किसी और गिरोह के साथ काम करता था, जिसके बाद उसने अपना खुद का नेटवर्क तैयार किया. और कई सॉल्वरों को अपने गिरोह में जोड़ा. पकड़े गए एक आरोपी से पूछताछ करने पर बताया कि वह 3 साल पहले खगड़िया से पटना आया था, जहां वह गिरोह के सरगना PK से मिला. उस समय PK ने उसे नीट एग्जाम में बैठकर एग्जाम सॉल्व कर पैसे कमाने की तरकीब बताई थी. उसने कहा था कि सॉल्वर के तौर पर तुम्हारी नौकरी लगवा दूंगा, बहुत पैसे मिलेंगे.
जानकारी के मुताबिक पीके को सॉल्वर उपलब्ध में ओसामा, विकास कुमार महतो के अलावा बिहार के अंशु सिंह, बबलू और त्रिपुरा के देबू समेत दर्जन भर लोग शामिल हैं. ओसामा और विकास कुमार महतो की गिरफ्तारी के बाद पीके समेत सिंडिकेट के अन्य सदस्य फरार चल रहे हैं. फिलहाल, पुलिस पीके और उसके साथियों की तलाश में जुटी हुई है.
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