ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्त करने की वैधता को HC में चुनौती, कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
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ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्त करने की वैधता को HC में चुनौती, कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

जस्टिस राजीव जोशी की एकल पीठ ने बुलंदशहर के दो ग्राम प्रधानों कृष्ण पाल सिंह व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से जवाब मांगा है. 

फाइल फोटो.

मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: ग्राम प्रधानों के कार्यकाल खत्म होने के बाद ग्राम पंचायतों में सहायक विकास अधिकारी (ADO) को प्रशासक बनाने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. याचिका दाखिल करके प्रशासक नियुक्त करने की वैधता की चुनौती दी गई है. याचिका पर कोर्ट ने राज्य सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा है.

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चुनाव होने तक ग्राम प्रधानों को कार्य करने का अधिकार है
जस्टिस राजीव जोशी की एकल पीठ ने बुलंदशहर के दो ग्राम प्रधानों कृष्ण पाल सिंह व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से जवाब मांगा है. याची अधिवक्ता का कहना है कि ग्राम प्रधानों को नया चुनाव होने तक कार्य करने का अधिकार है. क्योंकि कोविड 19 के कारण 7 महीने तक विकास कार्य नहीं हो सका और अभी चुनाव अधिसूचना भी जारी नहीं की गयी है. 

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पंचायत राज अधिनियम का उल्लंघन 
सरकार ने 14 दिसंबर 2020 को नोटिफिकेशन जारी कर सहायक विकास अधिकारी (ADO) को ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्त कर दिया था. याची की तरफ से कहा गया कि यह नियुक्ति पंचायत राज अधिनियम के उपबंधों का उल्लंघन है. 

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बता दें की प्रदेश के सभी जिलों की 58 हजार ग्राम पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति का आदेश अपर मुख्य सचिव पंचायती राज ने दिया है. इस तैनाती के लिए संबंधित जिलाधिकारियों को अथॉरिटी दी गई है. ग्राम पंचायतों में प्रशासक के रूप में सहायक विकास अधिकारी (ADO) से निचले स्तर के अधिकारी तैनात नहीं किए जाएंगे. 

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समाप्त हो गया ग्राम पंचायतों का कार्यकाल
गौरतलब है की प्रदेश के 74 जिलों में ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो गया. ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने पर राज्य सरकार के पास दो विकल्प थे. इन पंचायतों में अधिकतम 6 माह के लिए प्रशासनिक समितियां गठित की जाएं या फिर प्रशासक तैनात किए जाएं. जिस पर राज्य सरकार ने प्रशासकों की तैनाती का रास्ता चुना. 

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पहले की तारीखों का कोई चेक नहीं होगा स्वीकार 
ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्त किए जाने के बाद से स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की राशि के लिए संचालित ग्राम निधि-6 के खातों पर रोक लगा दी गई है. इसके पहले इन खातों के संचालन के लिए ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव को अथॉरिटी दी गई थी.

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स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के निदेशक की तरफ से भी सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि 25 दिसंबर के बाद ग्राम प्रधानों द्वारा चेक या डिजिटल सिग्नेचर से कोई भुगतान नहीं किए जाएंगें. साथ ही बैंकों को जानकारी दी गई है कि ग्राम प्रधान एवं सचिव के हस्ताक्षर से पहले की तारीखों का कोई चेक स्वीकार नहीं किया जाएगा और न ही विड्रॉल किया जाएगा. ग्राम निधि-6 के खाते का संचालन नामित प्रशासक द्वारा किया जाएगा. 

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