समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि ध्यान भटकाने के लिए दंगे फैलाए जा रहे हैं.
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लखनऊ: CAA को लेकर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन पर अब सियासत शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने प्रदेश में हो रही हिंसा को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए अखिलेश यादव ने कहा कि ध्यान भटकाने के लिए दंगे फैलाए जा रहे हैं. दंगों से भारतीय जनता पार्टी को फायदा होता है. बीजेपी अर्थव्यवस्था, रोजगार और किसानों के मुद्दे पर पूरी तरह फेल साबित हुई है.
Akhilesh Yadav, ex-CM & SP leader: As far as riots are concerned, those inciting riots are sitting in the govt itself. Only those sitting in the govt will be benefitted by riots. BJP is deliberately spreading hatred, scaring people. They have failed on the front of real issues. pic.twitter.com/Q37p8FZ681
— ANI UP (@ANINewsUP) December 22, 2019
अखिलेश यादव ने CAA को देश के संविधान का उल्लंघन बताया. अखिलेश यादव ने कहा कि सपा इस कानून का विरोध करती है, हमने शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन किया. भाजपा के इशारे पर हिंसा हो रही है. अखिलेश यादव ने NRC पर भी विरोध जताते हुए कहा कि गांवों में लोगों के पास दस्तावेज नहीं हैं. जैसे नोटबंदी लागू होने से जनता को मुश्किल हुई, एक बार फिर एनआरसी से पूरा देश लाइन में लग जाएगा.
उधर, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने भी अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर जमकर निशाना साधा. दिनेश शर्मा ने कहा कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से पूछना चाहता हूं कि CAA और NRC से दिक्कत क्या है ? डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने बताया कि संभल और कानपुर में सपा के विधायक, सांसद उपद्रवियों के साथ खड़े देखे गए.
Dy CM Dinesh Sharma:Popular Front of India's role is clear at many places.There are people who were members of SIMI & are indirectly related to it.Outside elements came here&spread violence,who can be behind this? Opposition should realise its responsibility&condemn violence #CAA pic.twitter.com/YIyRBskHtQ
— ANI UP (@ANINewsUP) December 22, 2019
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act- CAA) के खिलाफ हो रहे हिंसक प्रदर्शन में अब तक उत्तर प्रदेश में 15 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 288 पुलिस कर्मी घायल हैं.
डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि हिंसक प्रदर्शनों के नुकसान का सर्वे किया जा रहा है. सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का जुर्माना उपद्रवियों से ही वसूला जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर जुर्माना नहीं देंगे तो कोर्ट से आदेश लेकर हम कुर्की की व्यवस्था करेंगे. डीजीपी ने कहा कि राज्य में धारा 144 लगाई गई है.