पूरे घटना क्रम में महिला के पति और ससुर को 304 संदिग्ध मौत, 498 दहेज उत्पीड़न मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.
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अवनीश श्रीवास्तव/लखनऊ: राजधानी लखनऊ के पीजीआई थाना इलाके में दहेज लोभियों ने गर्भवती महिला को घर से निकाल दिया. जिसके बाद गर्भवती महिला अपनी मां के साथ शनिवार को तेलीबाग पुलिस चौकी पर शिकायत लेकर गई. लेकिन आरोप है कि पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाय थाने पर जा कर एफआईआर कराने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया. जिसके बाद पीड़िता अपनी मां के साथ रविवार दोपहर को पीजीआई थाने पहुंची. लेकिन, यहां भी किसी ने फरियाद नहीं सुनी. जिसके बाद आज महिला की मौत हो गई.
जानकारी के मुताबिक, वृन्दावन योजना सेक्टर 6 निवासी सीमा पाल की शादी 13 मई 2019 गांधी नगर तेलीबाग निवासी हरि प्रसाद पाल के पुत्र अनिल पाल से हुई थी. पीड़िता महिला गर्भवती होने के साथ-साथ पेट के ट्यूमर और निमोनिया से भी ग्रस्त थी.
वहीं, मंहगे इलाज के कारण ससुराल वालों और पति ने इलाज कराने से इनकार करते हुए मायके भेज दिया. जहां मायके वालों ने निमोनिया का इलाज कराने के बाद, जब महिला को अस्पताल से ससुराल ले गए तो घर में घुसने नहीं दिया गया.
जिसके बाद, पीड़ित महिला अपनी मां के साथ पुलिस चौकी पहुंची और न्याय की गुहार लगाई. लेकिन पुलिस इस मामले को टालने में लगी रही. पीड़िता की मां के अनुसार उसके दामाद ने धोखा देकर उसकी बेटी से शादी की थी. पहले बताया गया था कि लड़का बिजली विभाग में नौकरी करता है.
लेकिन शादी के बाद पता चला कि दामाद रिक्शा चलाता है. जब महिला बीमार हो गई तो घर से निकाल दिया और दो लाख देने पर ही बेटी को घर में रखने की बात कही.
वहीं, इस पूरे मामले को तूल पकड़ता देख लखनऊ पीजीआई पुलिस ने बताया कि इस घटना की जानकारी मिल चुकी है. हम लोग पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. अगर किसी भी पुलिसकर्मी की लापरवाही सामने आएगी तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं इस पूरे घटना क्रम में महिला के पति और ससुर को 304 संदिग्ध मौत, 498 दहेज उत्पीड़न मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.
संपादन: विवेक शुक्ला