राम मंदिर के नींव की डिजाइन को लेकर आई बड़ी खबर, चंदे को लेकर ट्रस्ट के महामंत्री ने दिया अहम बयान
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राम मंदिर के नींव की डिजाइन को लेकर आई बड़ी खबर, चंदे को लेकर ट्रस्ट के महामंत्री ने दिया अहम बयान

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय ने बताया कि राम मंदिर निर्माण समर्पण निधि अभियान के तहत ट्रस्ट ने 23 चार्टर्ड एकाउंटेंट को निधि संग्रह पर बैठाया है. कार्यकर्ता और अकाउंटेंट के हिसाब में अभी अंतर समर्पण निधि का आंकड़ा बता पाना संभव नहीं है. मार्च के बाद ऑडिट होने पर चंदे की राशि बताई जाएगी

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय (फाइल फोटो)

अयोध्या: राम मंदिर के निर्माण को लेकर अयोध्या राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय का बड़ा बयान आया है. राय ने कहा है कि राम मंदिर निर्माण के लिए नींव की फाइनल डिजाइन में लगेगा समय लगेगा. मार्च तक नींव की डिजाइन फाइनल होने की उम्मीद है. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री के मुताबिक मंदिर के नींव की खुदाई में 75 दिन लगेंगे. अभी नींव की डिजाइन पर मंथन चल रहा है.

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय ने बताया कि राम मंदिर निर्माण समर्पण निधि अभियान के तहत ट्रस्ट ने 23 चार्टर्ड एकाउंटेंट को निधि संग्रह पर बैठाया है. कार्यकर्ता और अकाउंटेंट के हिसाब में अभी अंतर समर्पण निधि का आंकड़ा बता पाना संभव नहीं है. मार्च के बाद ऑडिट होने पर चंदे की राशि बताई जाएगी. 

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इन दो राज्यों में भारी है कूपन की डिमांड
हालांकि उन्होंने बताया कि समाज बढ़चढ़ कर योगदान दे रहा है. अभी तक 10, 100 और 1000 के 13 करोड़ 90 लाख कूपन छापे गए हैं. मुंबई और बेंगलुरु से भारी डिमांड आ रही है. उनकी डिमांड पूरी करने के लिए अलग से कूपम छापे जा रहे हैं. मुस्लिम समाज बढ़-चढ़कर राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा दे रहा है.

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सरयू के पानी की धारा और रेत से बचने पर हो रहा रिसर्च
राष्ट्र मंदिर निर्माण में नेशनल जिओ रिसर्च सेंटर हैदराबाद NGRI ने 100 पन्नों की रिपोर्ट दी है. NGRI ने नींव खुदाई के लिए मिट्टी निकालने सलाह दी थी. उसी पर काम हो रहा है. भूकंपरोधी बनाने के लिए 120 मीटर नीचे बोरिंग कर भूमि की मिट्टी का अध्यन किया जा रहा है. साथ सरयू के पानी की धारा और रेत से बचने के लिए रिसर्च किया जा रहा है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि लंबे समय तक राम मंदिर टिकी रह सके. 

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