Chaitra Navratri 2024 Day 6 Maa Katyayni: चैत्र नवरात्रि का छठा दिन मां दुर्गा की छठी शक्ति मां कात्यायनी को समर्पित है. ऋषि कात्यायन की पुत्री होने के कारण इनका नाम कात्यायनी पड़ा.
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Chaitra Navratri Day 6: नवरात्रि के छठवें दिन मां दुर्गा की छठी शक्ति मां कात्यायनी की पूजा-अराधना के लिए होता है. बता दें कि 14 अप्रैल 2024 को मां की पूजा की जाएगी. मां दुर्गा के इस स्वरूप का अवतार कात्यायन ऋषि की पुत्री के रूप में हुआ था, इसलिए इन्हें माता कात्यायनी कहा जाता है. पुराणों में कहा गया है कि मां कात्यायनी की पूजा विवाह संबंधी सभी मामलों के लिए अचूक मानी गई है.
छठा चैत्र नवरात्रि
14 अप्रैल 2024, रविवार- मां कात्यायनी पूजा
कैसा है मां का स्वरूप
कात्यायनी मां का शरीर सोने की तरह चमकीला है. इनकी चार भुजाएं अस्त्र-शस्त्र से सुशोभित हैं. शेर पर सवार मां की चार भुजाएं हैं, इनके बायें हाथ में कमल, तलवार व दाहिनें हाथों में स्वास्तिक और आशीर्वाद की मुद्रा लिए हुए हैं.
क्यों पड़ा मां का नाम कात्यायनी
पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां कात्यायनी ने महिषासुर का वध किया था. महिषासुर का संहार करने के कारण इन्हें दानवों, असुरों और पापियों का नाश करने वाली देवी महिसासुरमर्दिनी कहा जाता है. पुराणों के अनुसार, कात्यायन ऋषि के घर उनकी बेटी के रुप में जन्म लेने के कारण ही मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कात्यायनी पड़ा.
मां कात्यायनी की पूजा विधि
चैत्र नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा करने के लिए सुबह स्नान के बाद लाल या पीले रंग का कपड़े पहनें. मंदिर या पूजा की जगह को गंगाजल से शुद्ध कर लें. पूजा प्रारंभ करने से पहले मां को स्मरण करें और हाथ में फूल लेकर संकल्प लें. मां को फूल अर्पित करें. फिर कुमकुम, अक्षत, फूल आदि और सोलह श्रृंगार माता को अर्पित करें. मां को भोग अर्पित करें. देसी घी का दीपक जलाएं और माता की आरती करें. पूजा के दौरान ये मंत्र 'ऊँ देवी कात्यायन्यै नम: का जाप करें.
अच्छे वर-वधू के लिए करें ये उपाय
इनकी पूजा करने से रोग-शोक, कष्ट और भय दूर हो जाते हैं और जन्मों के संताप दूर हो जाते हैं. साथ ही इनकी पूजा से शीघ्र विवाह के योग भी बनते हैं. कुंवारों लोग इनकी मन की पूजा करें तो ये इनकी सुनती है और आशीर्वाद देती है. शीघ्र विवाह या प्रेम संबंधी मामलों के लिए चैत्र नवरात्रि के छठे दिन शाम को मां कात्यायनी को हल्दी की तीन गांठ चढ़ाएं. सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए पीले फूल चढ़ाते हुए 'ॐ कात्यायनी महामये महायोगिन्यधीश्वरी। नंद गोप सुतं देहि पतिं में कुरुते नम:।।' मंत्र का 108 बार जाप करें.
डिस्क्लेमर: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं.Zee Upuk इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.