Aaj Ka Panchang 26 February: हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 26 फरवरी 2024, कृष्ण पक्ष, द्वितीया तिथि है, आज सोमवार है.अगर कोई शुभ कार्य करना चाहते हैं तो राहुकाल का समय जरूर नोट करें. 26 फरवरी को फाल्गुन कृष्ण पक्ष की द्वतीया तिथि और सोमवार का दिन है। द्वतीया तिथि सोमवार को रात 11 बजकर 16 मिनट तक रहेगी.
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Aaj ka Panchang 26 February 2024: हिंदू कैलेंडर में पंचांग एक जरूरी हिस्सा होता है. यह महीने की तीस तिथियों और पांच अंगों (वार, योग, तिथि, नक्षत्र और करण) से मिलकर बनता है. दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में हर प्रकार की जानकारी प्रदान करता है. आइये जानते हैं 26 February 2024 का पंचाग...
26 फरवरी 2024 व्रत-त्योहार-वार
वार-सोमवार
आज का पंचांग 26 फरवरी 2024
वार- सोमवार
तिथि द्वितीया: 11:15 पीएम तक उसके बाद तृतीया
नक्षत्र उत्तराफाल्गुनी: 04:31 एएम, फरवरी 27 तकपक्ष कृष्ण पक्षमास फाल्गुन
सूर्योदय: सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 6:50 एएम
सूर्यास्त: शाम 6:18 पीएम
26 फरवरी 2024 का शुभ मुहूर्त
फाल्गुन कृष्ण पक्ष की द्वतीया तिथि: 26 फरवरी 2024 को रात 11 बजकर 16 मिनट तक.
धृति योग: 26 फरवरी को दोपहर 3 बजकर 26 मिनट तक.
उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र: 26 फरवरी को पूरा दिन पूरी रात पार कर के अगले दिन भोर 4 बजकर 31 मिनट तक.
राहुकाल का समय
दिल्ली: सुबह 08:17 से सुबह 09:42 तक
मुंबई: सुबह 08:29 से सुबह 09:56 तक
चंडीगढ़:सुबह 08:19 से सुबह 09:45 तक
लखनऊ: सुबह 08:01 से सुबह 09:27 तक
भोपाल: सुबह 08:12 से सुबह 09:39 तक
अशुभ काल दुर्मुहूर्त 12:34:20 से 13:20:35 तक 14:53:05 से 15:39:20 तक
कालवेला /अर्द्धयाम 10:15:36 से 11:01:51 तक
कुलिक 14:53:05 से 15:39:20 तक
यमघण्ट 11:48:06 से 12:34:20 तक
कंटक 08:43:06 से 09:29:21 तक
यमगण्ड 10:44:30 से 12:11:13 तक
राहुकाल 07:51:04 से 09:17:47 तक
गुलिक काल 13:37:56 से 15:04:39 तक
ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से किसी महीने में 31 और किसी महीने में 1 दिन होते हैं. अगर हम हिंदू कैलेंडर की बात करें तो उसके हिसाब से हर माह में 1 दिन ही होते हैं, जिन्हें तिथि कहा जाता है. ये तिथियां दो पक्षों में होती हैं. इनमें से एक पक्ष को शुक्ल और एक पक्ष को कृष्ण कहा जाता है. ये 15-15 दिन के होते हैं. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इन तिथियों को प्रतिप्रदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी और एक पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या और दूसरे पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. इन्हीं सब के आधार पर पंचांग बनता है.
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