Nag Panchami 2023: नाग पंचमी पर जरूर करें नाग स्तोत्रम् का पाठ, काल सर्प दोष और पितृदोष से मिलेगा छुटकारा
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1833879

Nag Panchami 2023: नाग पंचमी पर जरूर करें नाग स्तोत्रम् का पाठ, काल सर्प दोष और पितृदोष से मिलेगा छुटकारा

Nag Panchami 2023: आज नाग पंचमी का त्योहार है. हिंदू धर्म में इस दिन का खास महत्व है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, आज के दिन नाग स्तोत्रम् का पाठ करने से काल सर्प दोष और पितृदोष से छुटकारा मिलता है. 

Nag Panchami 2023

Nag Panchami 2023: आज नाग पंचमी का पर्व है. हिंदू धर्म में इसका खास महत्व होता है. हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. नागदेव को क्षेत्रपाल भी कहा गया है. यही वजह है कि उन्हें क्षेत्र संरक्षक के रूप में पूजा जाता है. नागपंचमी के मौके पर भोलेनाथ के प्रिय नागदेव को दूध से स्नान कराया जाता है. उनकी विधिपूर्वक पूजा की जाती है. आज के दिन नागदेव की निवास स्थली, बांबी की भी पूजा की जाती है. 

नाग पंचमी के मौके पर नागदेव के दर्शन जरूर करना चाहिए. पौराणिक मान्यता के अनुसार, नागदेव को सुगंध बेहद प्रिय है, इसलिए आज के दिन उन्हें सुगंधित पुष्प चढ़ाएं. साथ ही चंदन से पूजा करें. इसके साथ ही नाग पंचमी के मौके पर नाग स्तोत्रम् का पाठ जरूर करना चाहिए. मान्यता है कि नाग स्तोत्र के पाठ से काल सर्प दोष, पितृदोष और राहु-केतु के दुष्प्रभाव से छुटकारा मिलता है. साथ ही आर्थिक स्थिति में सुधार आता है. 

नाग स्तोत्रम् (Naag Sarpa Stotram)

ब्रह्म लोके च ये सर्पाः शेषनागाः पुरोगमाः ।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥१॥ 

विष्णु लोके च ये सर्पाः वासुकि प्रमुखाश्चये ।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥२॥

रुद्र लोके च ये सर्पाः तक्षकः प्रमुखास्तथा ।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥३॥

खाण्डवस्य तथा दाहे स्वर्गन्च ये च समाश्रिताः ।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥४॥

सर्प सत्रे च ये सर्पाः अस्थिकेनाभि रक्षिताः ।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥५॥

प्रलये चैव ये सर्पाः कार्कोट प्रमुखाश्चये ।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥६॥

धर्म लोके च ये सर्पाः वैतरण्यां समाश्रिताः ।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥७॥

ये सर्पाः पर्वत येषु धारि सन्धिषु संस्थिताः ।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥८॥

ग्रामे वा यदि वारण्ये ये सर्पाः प्रचरन्ति च ।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥९॥

पृथिव्याम् चैव ये सर्पाः ये सर्पाः बिल संस्थिताः ।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥१०॥

रसातले च ये सर्पाः अनन्तादि महाबलाः ।
नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥११॥

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा. 

Sawan 2023: नागपंचमी के संयोग में मनेगा सावन का 7वां सोमवार, 24 साल बाद बन रहा ऐसा अद्भुत योग

क्या नागपंचमी पर सच में दूध पीते हैं सांप, जानें हिन्दुओं के इस त्योहार से जुड़े मिथक और सच्चाई

Trending news