Satyanashi Plant Benefits: सत्यानाशी का पौधा अक्सर खाली जमीन पर उग जाता है. दिखने में काफी खूबसूरत इस पौधे के कई तरह औषधीय गुण हैं. आइए जानते हैं इसके हेल्थ बेनिफिट
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Satyanashi Plant Benefits: हमारे आस पास कई पेड़-पौधे ऐसे होते हैं जिनके बारे में हमें अधिक पता नहीं होता है. लोगों को लगता है कि ये किसी काम के नहीं हैं. ऐसा ही एक पौधा सत्यानाशी का है. वैसे तो इसे लोग बेकार समझते हैं. कांटेदार इस पौधे की अहमियत बहुत कम लोगों को पता होती है. ये कांटेदार पौधा हमारे सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है और गमले में लगाने पर इसके खूबसूरत फूल गमले की शोभा बढ़ाते हैं.
क्या है सत्यानाशी का पौधा
सत्यानाशी का पौधा अक्सर खाली जमीन पर उग जाता है. दिखने में काफी खूबसूरत इस पौधे के कई तरह औषधीय गुण हैं. आमतौर पर यह हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है. हालांकि यह आपको सड़क के किनारे या निर्जन स्थानों में देखने को मिल जाएगा. देखने में इस पौधे में बहुत कांटे होते हैं इसके पत्ते, पौधे की डाली और फूलों के आसपास हर कहीं कांटे होते हैं. इसके फूल और फल को तोड़ने के लिए बहुत सावधानी की जरूरत पड़ेगी. इसके फूल पीले रंग के खिलते हैं और अंदर बैंगनी रंग के बीज होते हैं. वैसे तो दूसरे फूल और फल को तोड़ने पर सफेद रंग के दूध निकलते हैं लेकिन सत्यानाशी के पौधे से फूल तोड़ने पर पीले रंग के दूध निकलते हैं. पीले रंग के दूध निकलने के कारण इसे स्वर्णक्षीर भी कहते हैं.
कब करें सेवन
जिन लोगों को सांस या खांसी की शिकायत रहती है वह इसके जड़ को पानी में उबाल कर काढ़े बनाकर पी सकते हैं.
पेट दर्द में सत्यानाशी के दूध में घी मिलाकर पीने से दर्द में आराम मिल सकता है.
पीलिया के रोगी सत्यानाशी के तेल में गिलोय का जूस मिलाकर पीते हैं तो पीलिया से राहत मिल सकता है.
सत्यानाशी के पौधे को घर पर कैसे लगाएं
सत्यानाशी का पौधा घर में लगाने से सुंदर कैक्टस के प्लांट का लुक देगा और फूल खिलने पर खूबसूरती बिखेरेगा. सत्यानाशी के पौधे के बीज और छोटे पौधे को लगा सकते हैं. इसके लिए सत्यानाशी के पके हुए बीज लें और मिट्टी में लगाएं. सत्यानाशी के पौधे को लगाने के बाद खास देखभाल की जरूरत नहीं होती है. मिट्टी में आप चाहें तो लगाते वक्त ऑर्गेनिक खाद मिला लें फिर उसे गमले में डालें. आपके पास बीज हो तो बीज से पौधा उगाए नहीं तो उसके छोटे पौधे से भी सत्यानाशी का पौधा घर में लगा सकते हैं. पौधे लगाने के बाद दिन में 2-3 बार पानी डालते रहें और इसे धूप छांव कहीं पर भी रख सकते हैं.
डिस्क्लेमर: यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. zeeupuk इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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