राम मंदिर में महकेगी यूपी के इन तीन सबसे पुराने शहरों की मिट्टी
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राम मंदिर में महकेगी यूपी के इन तीन सबसे पुराने शहरों की मिट्टी

बरसों के इंतजार के बाद 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन होने जा रहा है. इसके लिए तैयारियां जोरों पर है. भूमि पूजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए पूरे देश से धार्मिक स्थलों की मिट्टी को अयोध्या मंगाया गया है.

राम मंदिर निर्माण के लिए यहां से आएगी मिट्टी

लखनऊ: बरसों के इंतजार के बाद 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन होने जा रहा है. इसके लिए तैयारियां जोरों पर है. भूमि पूजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए पूरे देश से धार्मिक स्थलों की मिट्टी को अयोध्या मंगाया गया है. लक्ष्मणपुरी, प्रयागराज और आगरा के कई मंदिर- गुरुद्वारे से मिट्टी भेजी जा रही है. कल संगम नगरी प्रयागराज से मिट्टी और जल एकत्र किया जाएगा. 

कल प्रयागराज में एकत्रित होगी मिट्टी 
रामजन्मभूमि पूजन कार्यक्रम के लिए कल सुबह दस बजे संगम तट पर विधिवत पूजन अर्चना के बाद मिट्टी और जल एकत्रित किया जाएगा. विहिप के पदाधिकारी संगम से 11 लीटर जल और मिट्टी एकत्रित कर अशोक सिंघल के निवास महावीर भवन जाएंगे.  महावीर भवन के बाद मिट्टी को विहिप के प्रांतीय कार्यालय केसर भवन ले जाया जाएगा. 30 जुलाई की सुबह विहिप के पदाधिकारी संगम का जल और मिट्टी लेकर अयोध्या के लिए कूच करेंगे .

लक्ष्मणपुरी से जाएगी राम मंदिर के लिए मिट्टी
प्रयागराज के अलावा लक्ष्मणपुरी यानी लखनऊ की माटी भी राम नगरी भेजी जाएगी. राजधानी लखनऊ के ऐशबाग रामलीला मैदान के तुलसी अखाड़े की मिट्टी रामनगरी अयोध्या भेजी जाएगी.  ऐशबाग रामलीला समिति के संयोजक पं.आदित्य द्विवेदी ने बताया कि भगवान लक्ष्मण राम जी के शरीर की परछाई थे इसलिए उनके द्वारा बसाई गयी नगरी से मिट्टी जा रही है.

रामलीला समिति के संयोजक आदित्य द्विवेदी ने बताया कि वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ तुलसी मैदान की मिट्टी को  कलश में रखा गया है. इस मिट्टी को तांबे के कलश में रख कर अयोध्या शोध संस्थान के पदाधिकारी दो दिया जाएगा और अयोध्या पहुंचाया जाएगा. 

अयोध्या भेजी जा रही है मंदिरों और गुरुद्वारे से मिट्टी
आगरा के भी तमाम प्राचीन मंदिरों और गुरुद्वारों से मिट्टी को अयोध्या भेजा जा रहा है. माईथान स्थित विश्व हिंदू परिषद कार्यालय पर प्राचीन मंदिरों और गुरुद्वारों की मिट्टी को इकट्ठा किया गया. प्राचीन मंदिरों और गुरुद्वारों की मिट्टी की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की गई. 

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बरसों से था इंतज़ार
मनकामेश्वर मंदिर के महंत योगेश पुरी ने कहा कि भगवान श्री राम  हमारे आराध्य है.आगरा की सभी प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिरों से रज को लाया गया है.इसके अलावा ऐतिहासिक गुरुद्वारा की ताल से भी रज लाई गई हैं.90 के दशक में राम जन्मभूमि का आंदोलन चरम पर था.राम जन्मभूमि आंदोलन में आगरा के लोगों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था, सभी का सपना साकार होने जा रहा है.

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