तीनों आरोपी लखनऊ के आलमबाग में एक पुराने घर से फर्जी वेबसाइट चलाते थे. साथ ही, उन्होंने मकान में फर्जी ट्रेनिंग सेंटर भी खोल रखा था.
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लखनऊ: नौकरी के नाम पर हजारों फर्जीवाड़े सामने आते रहे हैं. UP पुलिस ने ऐसे ठगों के कई गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे लाखों रुपये ऐंठ लेते हैं. लेकिन अभी भी कई ऐसे ठग मौजूद हैं, जो लोगों के सपनों को रौंद ही देते हैं, साथ ही उन्हें कंगाल भी कर देते हैं. हाल ही में पुलिस ने ऐसे ही 3 ठगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने रेलवे में भर्ती के लिए फर्जी वेबसाइट बनाई थी और हर कैंडिडेट से 15-15 लाख रुपये वसूलते थे.
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ये चीजें हुईं बरामद
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, तीनों आरोपी लखनऊ के आलमबाग में एक पुराने घर से फर्जी वेबसाइट चलाते थे. साथ ही, उन्होंने वहां पर फर्जी ट्रेनिंग सेंटर खोल रखा था. गिरोह के पास से कंप्यूटर, नकली स्टांप, मैप, आदि सामान पुलिस ने बरामद किए हैं.
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ऐसे करते थे काम कि असली-नकली में फर्क करना था मुश्किल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह ठग इतने शातिर थे कि रेलवे रिक्रूटमेंट के लिए उसकी आधिकारिक वेबसाइट से मिलती जुलती वेबसाइट पर भर्तियां निकालते थे और जब कैंडिडेट्स इनके लिए अप्लाई कर देते थे, तो ऑनलाइन एग्जाम भी रखे जाते थे. इसके बाद कुछ कैंडिडेट्स का सेलेक्शन कर लिस्ट अपलोड करते थे, जैसा कि ऑफिशियल प्रोसेस में किया जाता है. सेलेक्टेड उम्मीदवार को यह गिरोह आलमबाग में ट्रेनिंग के लिए बुलाता था और उनसे 15 लाख रुपये वसूल लेता था.
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30 से ज्यादा लोगों को दे चुके हैं धोखा
पुलिस जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों के नाम हैं हिमांशु पाण्डेय (देवरिया), शशि प्रकाश गुप्ता (रोहतास, बिहार) और सूरज मौर्या (पारा गांव). तीनों ने 30 से ज्यादा लोगों से फर्जीवाड़ा करने की बात कबूल की है. इसका मतलब ये फर्जी तरीके से अब तक 4 करोड़ 50 लाख रुपये कमा चुके हैं.
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गुजरात में हुई थी शिकायत
गौरतलब है कि गुजरात के राजकोट में एक फर्जी वेबसाइट से धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई गई थी. इस मामले में राजकोट पुलिस इन्वेस्टिगेशन कर रही थी. जांच में पता चला कि आरोपियों की लोकेशन लखनऊ हैं. इसके बाद गुजरात पुलिस बीते गुरुवार लखनऊ पहुंची और पड़ताल शुरू की. लखनऊ पुलिस ने गुजरात पुलिस की मदद से गुरुवार देर रात 3 बदमाशों के इस गिरोह को धर दबोचा.
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