एक्टर बालेंद्र की जबानी, शेरनी की कहानीः विद्या बालन का प्रैंक, तेंदुए का आतंक, पेड़ से टपका कैमरामैन
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एक्टर बालेंद्र की जबानी, शेरनी की कहानीः विद्या बालन का प्रैंक, तेंदुए का आतंक, पेड़ से टपका कैमरामैन

फिल्म में रीजनल फॉरेस्ट ऑफ‍िसर का किरदार निभाने वाले बालेंद्र सिंह से शूट‍िंग और लोकेशन को लेकर बातचीत की. उन्होंने फिल्म से जुड़ी कई दिलचस्प बातें हमारे साथ साझा की. 

एक्टर बालेंद्र की जबानी, शेरनी की कहानीः विद्या बालन का प्रैंक, तेंदुए का आतंक, पेड़ से टपका कैमरामैन

प्रांजलि मिश्रा/नई दिल्ली: 18 जून को Amazon प्राइम पर आई है विद्या बालन स्टारर फिल्म शेरनी. इसे डायरेक्ट किया है अमित मसूरकर ने. इसमें आपको विद्या बालन के साथ शरत सक्सेना, बृजेंद्र काला और विजय राज जैसे कलाकार हैं. यह फिल्म जंगली जानवरों और मानव बस्तियों के बीच संघर्ष की कहानी है. इस फिल्म को जनता का खूब प्यार मिल रहा है. इस फिल्म में एक्टर बालेंद्र सिंह भी हैं, जिन्होंने रीजनल फॉरेस्ट ऑफ‍िसर का किरदार निभाया है. ऐसे में आज हमने बालेंद्र सिंह से शूट‍िंग और लोकेशन को लेकर बातचीत की. उन्होंने फिल्म से जुड़ी कई दिलचस्प बातें हमारे साथ साझा की. 

शूटिंग के दौरान पेड़ से गिर पड़े थे कैमरामैन
बालेंद्र ने बताया कि इस फिल्म की शूटिंग के दौरान कई परेशानियां आईं. कई दुर्घटनाएं हुईं, लेकिन शूटिंग नहीं रुकी. ऐसी ही एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि शूटिंग के शुरुआती दिनों में भोपाल में एक सीन फिल्माते समय फिल्म के कैमरामैन पेड़ से गिर गए. इसके चलते उन्हें काफी चोटें आईं. हालांकि, इसके बाद फिल्म में दूसरे कैमरामैन आए और फिर उन्होंने फिल्म शूट की. 

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टल गई थी शूटिंग 
बालेंद्र ने बताया कि फिल्म में टाइगर को पकड़ने के लिए जिस केज का इस्तेमाल किया गया. उसके पीछे भी एक किस्सा है. दरअसल, एक सीन में टाइगर को पकड़ने के लिए पिंजरे की जरूरत पड़ती है. इस सीन को बालाघाट में शूट करना था. लेकिन इस पिंजरे को शूट लोकेशन तक लाने के दौरान एक्सीडेंट हो गया. जिसमें ड्राइवर को काफी चोट आई. इस एक्सीडेंट के कारण उस दिन वो सीन शूट नहीं हो पाया और शूटिंग को आगे के लिए टाल दिया गया.

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जब सेट पर आ गया था तेंदुआ 
बालाघाट में शूटिंग होने के बाद फिल्म का लास्ट सीन मुंबई की फिल्म सिटी में फिल्माया गया. यहां का एक किस्सा सुनाते हुए बालेंद्र ने बताया कि रात में करीब 1-1.30 बजे जंगल में बाघिन को मारने वाला सीन शूट किया जा रहा था. इसी दौरान वहां एक तेंदुआ आ गया. अचानक तेंदुए के आ जाने से टीम डर गई. हालांकि, पटाखों की मदद से तेंदुए को वापस जंगल में भेजा गया. 

हर 15 मिनट पर पटाखे जलाकर आखिरी सीन की हुई शूटिंग 
वहीं, दूसरी सीन में बाघिन को मारने के बाद उसके बच्चों को टीम ढूंढने जाती है, लेकिन इस सीन की शूटिंग के दौरान खतरा था. दरअसल, ये सीन उसी जंगल में शूट होना था, जहां तेंदुआ घूम रहा था. इस सीन को शूट करने के लिए हर 15 मिनट में पटाखे जलाए जा रहे थे. आखिरकार यूनिट की हेल्प से वो सीन किया गया. बलेंद्र ने बताया कि पूरी शूटिंग का ये बेहद एडवेंचरस किस्सा था, जिसे शूट करने में डर भी लग रहा था, लेकिन मजा भी बहुत आया. 

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जब विद्या बालन ने सेट पर किया प्रैंक 
विद्या बालन के साथ काम करने को लेकर बलेंद्र ने कहा कि वो बहुत ही कमाल की एक्ट्रेस हैं. उनके साथ शूट करने का अनुभव काफी अच्छा रहा. शूटिंग के दौरान वो कभी-कभी सेट पर प्रैंक करती थीं. बालेंद्र ने बताया कि एक बार सीन शूट होने के बाद यूनिट के सब लोग बैठकर बातें कर रहे थे. तभी विद्या बालन ने एक नकली सांप वहां पर छोड़ दिया. फिर क्या था वहां पर मौजूद यूनिट के लोग डरकर इधर-उधर भागने लगे. 

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रोजाना करीब 80-85 किमी का होता था सफर 
बालेंद्र ने बताया कि उनका शूट‍िंग लोकेशन बालाघाट में मौजूद कान्हा टाइगर रिजर्व में था. हालांकि, रहने की सही व्यवस्था न होने के कारण वे महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश के बॉर्डर में मौजूद गोंद‍िया में ठहरे थे, जो बालाघाट से करीब 40-45 क‍िलोमीटर दूर है. फिल्म की ज्यादातर सीन सुबह के वक्त ही शूट किए जाने थे. ऐसे में पूरी यूनिट रोज सुबह 4-5 बजे उठकर 40 किलोमीटर का सफर तय कर गोंद‍िया से बालाघाट पहुंचती थी. इसके वहां जंगल के अंदर जाकर फिल्म की शूट‍िंग की जाती थी. वहीं, शूटिंग पूरी होने के बाद रोजाना शाम को वापस गोंद‍िया आना होता था. ऐसे में सुबह-शाम डेली करीब 80-85 किमी का सफर तय करना होता था, जो काफी हेक्टिक तो था लेकिन मजेदार भी था. 

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सुबह-सुबह जंगल में मिला टाइगर का परिवार 
बालेंद्र ने बताया कि शूटिंग के दौरान कई खतरनाक जंगली जानवरों को लाइव देखा. शूटिंग के दौरान एक बार सुबह-सुबह ही जंगल के मेन इंट्रेस पर टाइगर का पूरा परिवार टहलता नजर आया. हालांकि, उन्होंने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया और सीन शूट किया गया. 

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फिल्म में ग्रामीणों ने भी किया है रोल 
बालेंद्र ने बताया कि फिल्म की पूरी शूटिंग एक्चुअल लोकेशन पर की गई है. पूरी फिल्म में कहीं भी सेट नहीं बनाना पड़ा. भले ही वो ऑफिस का सीन हो, गांव का, घर या खेत का सीन हो. सभी रियल लोकेशंस पर शूट हुए हैं. इस फिल्म में कई जगह रियल फॉरेस्ट गार्ड भी रखे गए थे. इतना ही नहीं, बालेंद्र ने बताया कि फिल्म में जो गांववाले टाइगर्स के बारे में जानकारी देते हैं, वो कोई एक्टर नहीं हैं बल्कि जिस गांव में वो सीन शूट किया गया है, वहां के रहने वाले लोग हैं. इसके लिए फिल्म डायरेक्टर ने ग्रामीणों से बातचीत की थी. इसके अलावा फिल्म में जिन्होंने चपरासी पचोड़े का किरदार निभाया है, वो भी एक्टर नहीं हैं.  

आरएफओ के लिए नहीं दिया था ऑडिशन 
बालेंद्र को इस रोल के मिलने के पीछे भी एक किस्सा है. उन्होंने बताया कि भोपाल में इस फिल्म के लिए ऑडिशन चल रहे थे. उन्होंने भी ऑडिशन दिया था लेकिन किसी और रोल के लिए.  हालांकि बाद में उन्हें आरएफओ के रूप में कास्ट कर लिया गया.

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अमिताभ बच्चन के साथ कर चुके हैं काम 
आपको बता दें कि बालेंद्र थ‍िएटर के जानी-मानी हस्ती हैं. उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ पीकू, सत्याग्रह में काम किया है. उनकी अपकमिंग प्रोजेक्ट्स में जादूगर, माजी, द लास्ट शो, विशल ब्लोअर, चक्की शामिल हैं, जो आने वाले समय में जल्द ही रिलीज होंगी. इसके अलावा इन्होंने दीप‍िका चिखल‍िया संग दीनदयाल एक युगपुरुष में भी काम किया है. इस फिल्म में बलेंद्र एक सीबीआई ऑफिसर की भूमिका में नजर आएंगे. ये फिल्म भी जल्द रिलीज होने वाली है. 

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