Ram Mandir pran pratistha Date and Time: राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों-शोरों से चल रही है. प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान अयोध्या और काशी के वैदिक आचार्य द्वारा संपन्न कराया जाएगा. आइये जानते हैं 17 से 22 जनवरी तक कब क्या-क्या होगा?
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Ram Mandir Pran Pratistha Schedule: 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. 40 दिन के बाद रामलला अपने नवनिर्मित गर्भ गृह में विराजमान हो जाएंगे. इस ऐतिहासिक दिन के लिए कई बड़े अनुष्ठान किए जाएंगे. काशी के पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित के नेतृत्व में करीब 150 वैदिक वैदिक आचार्य 16 से 22 जनवरी तक राम जन्मभूमि परिसर में अलग-अलग अनुष्ठान में शामिल होंगे. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले यज्ञ, हवन, चारों वेदों का पारायण और कर्मकांडों का वाचन होगा. इसके 56 भोग अर्पित किए जाएंगे. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला की पहली आरती उतारेंगे.
प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 17 जनवरी को सुबह आठ बजे से शुरू हो जाएगा, जो दोपहर एक बजे तक चलेगा. इसके बाद दोपहर तीन बजे अनुष्ठान शुरू होकर रात के 9:30 बजे तक चलेगा. इस तरह 21 जनवरी तक रोजाना करीब 10 से 12 घंटे मंत्रोच्चार और हवन-पूजन होगा. वहीं, 22 जनवरी को रामलला निर्माणाधीन मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होंगे.
अलग-अलग अनुष्ठानों के लिए मंदिर परिसर में तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं. कई मंडप और हवन कुंड बनाए जा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, मंदिर के बाहर एक बड़ा मंडप तैयार किया जाएगा. हर विधा के ब्राह्मणों के अलग-अलग छोटे-छोटे मंडपम होंगे. हर मंडपम के बीच यज्ञ कुंड होंगे.
17 जनवरी 2024: संकल्प पूजन
17 जनवरी को संकल्प, गणपति पूजन, मातृका पूजन और पुण्यावाचन के साथ अनुष्ठान शुरू होगा. चारों वेदों के मंत्र पढ़े जाएंगे. इसके लिए चारों वेद के अलग-अलग ऋषि होंगे. मंडपम में उत्तर की ओर अथर्ववेद, पूर्व में ऋग्वेद, दक्षिण में यजुर्वेद और पश्चिम में सामवेद के विद्वान बैठेंगे. इसके साथ ही 18 पुराण और उपनिषदों के भी मंत्र पढ़े जाएंगे. इसके लिए भी अलग-अलग विद्वान मौजूद होंगे. कर्मकांडी ब्राह्मण अनुष्ठान करेंगे. कर्मकांड में मंदिर का क्षेत्रपाल पूजन, वास्तु पूजन, नवग्रह पूजन, दस स्नान, हवन आदि किया जाएगा.
18 जनवरी 2024: रामलला स्नान
18 जनवरी को रामलला की मूर्ति को सरयू नदी के 121 कलश जल से स्नान कराया जाएगा. इसके बाद रामलला अपने नगर अयोध्या का भ्रमण करेंगे. प्रजा से मिलने के लिए भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी. श्रीराम अयोध्या के सभी मठ-मंदिरों में दर्शन करेंगे.
19 जनवरी 2024: अधिवास
19 जनवरी को कई तरह के अधिवास होंगे. दरअसल, मूर्ति बनने के दौरान पत्थर, छीनी और हथौड़े आदि का काम होता है, जिसके चलते कई दोष उत्पन्न होते हैं. इन्हीं दोषों की शुद्धि के लिए 19 जनवरी को घृताधिवास, मध्वाधिवास, अन्नाधिवास, पुष्पाधिवास होंगे. जानकारी के मुताबिक, घृताधिवास में मूर्ति पर एक धागा बांधकर दो-दो मिनट के लिए घी में रखा जाता है. मध्वाधिवास में मूर्ति को शहद से भरे पात्र में रख जाता है. अन्नाधिवास में मूर्ति को चावल से ढका जाता है. वहीं पुष्पाधिवास में मूर्ति पर फूल बिछा देंगे. इसके बाद कलश में औषधि और सरयू का जल डालकर रामलला की मूर्ति और नए मंदिर के शिखर का स्नान कराया जाएगा. मान्यता है कि मंदिर के शिखर में देवता वास करते हैं.
20 जनवरी 2024: रामलला शैयाधिवास
20 जनवरी को शैयाधिवास का अनुष्ठान होगा यानी पूरी रात रामलला शयन करेंगे. हालांकि, इस दौरान पूरे दिन बाकी अनुष्ठान जारी रहेंगे.
21 जनवरी 2024: न्यास मंत्रों का जाप
21 जनवरी की सुबह न्यास पूजा होगी. मूर्ति के सिर, ललाट, नाखून, नाक, मुख, कंठ, आंख, बाल, हृदय से लेकर पांव तक में प्राण डालने के लिए न्यास मंत्रों का जाप होगा. किसी भी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पहले सिर से लेकर पांव तक के लिए अलग-अलग मंत्रों का जाप किया जाता है. जिसे न्यास विद्या कहते हैं. मुहूर्त के दौरान मूर्ति के नीचे सोने की श्लाका और कुशा रखते हैं.
22 जनवरी 2024: प्राण प्रतिष्ठा
22 जनवरी को पंचांग के अनुसार, अभिजित मुहूर्त में सुबह 11:30 से दोपहर 12:40 बजे के बीच सोने की श्लाका और कुशा को खींच दिया जाएगा. श्लाका खींचने पर मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा स्वत: हो जाएगी. इसके बाद रामलला को 56 भोग अर्पित किया जाएगा और महाआरती की जाएगी.