UP में अब BJP भी लगवाएगी अपने नेताओं की मूर्तियां, लखनऊ में बनेगा 'राष्ट्र प्रेरणा स्थल'
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UP में अब BJP भी लगवाएगी अपने नेताओं की मूर्तियां, लखनऊ में बनेगा 'राष्ट्र प्रेरणा स्थल'

योगी सरकार राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रतीक पुरुषों की याद में लखनऊ में 'राष्ट्र प्रेरणा स्थल' तैयार करने जा रही है. सरकार ने इसके लिए बजट में 50 करोड़ का इंतजाम भी कर लिया है.

फाइल फोटो

लखनऊ: BSP को मूर्तियों की सरकार कहने वाली भारतीय जनता पार्टी अब खुद उत्तर प्रदेश में अपने नेताओं की मूर्तियां लगवाने वाली है. योगी सरकार राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रतीक पुरुषों की याद में लखनऊ में 'राष्ट्र प्रेरणा स्थल' तैयार करने जा रही है. सरकार ने इसके लिए बजट में 50 करोड़ का इंतजाम भी कर लिया है. यहां बीजेपी श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीन दयाल उपाध्याय और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमाएं लगवाने की प्लानिंग कर रही है. बीजेपी इन सभी को अपना धरोहर मानती है. इन्हें राष्ट्रवाद से जोड़ती है, इनकी विचारधारा पर आगे बढ़ने का दावा करती है. लिहाजा अब इन महापुरुषों को इतिहास बनाने के लिए इनका स्मारक बनाने की तैयारी चल रही है. लखनऊ में पहली बार बीजेपी सरकार राष्ट्रवाद की थीम पर 'राष्ट्र प्रेरणा स्थल' बनाने जा रही है.

बसपा-सपा की राह पर बीजेपी सरकार
इससे पहले बीएसपी की सरकार में मायावती ने बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर को अपना बताया और उनके नाम से कई स्मारक बनवाए. इतना ही नहीं अपने कार्यकाल में मायावती ने दलित चिंतकों, समाज सुधारकों, दलित चेतना के नायकों को समर्पित कई स्थल विकसित किए. मान्यवर कांशीराम इको गार्डन, आंबेडकर पार्क, सामाजिक परिवर्तन स्थल आदि इसकी बानगी है.

समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल में लोहिया पार्क और जनेश्वर मिश्र पार्क बनवाने के अलावा लोहिया पथ पर लोहिया द्वार को समाजवादी विचारधारा के प्रचार स्तंभ के तौर पर विकसित किया गया था. अब बीजेपी भी इसी रास्ते पर आगे बढ़ रही है. बीजेपी कहती है कि ये महापुरुष हमारे प्रेरणा के स्त्रोत हैं और आगे भी हमे इनसे प्रेरणा मिले, आने वाली पीढियां इनसे प्रेरणा लें इसके लिए इस तरह के प्रेरणा स्थल जरूरी हैं.

'राष्ट्र प्रेरणा स्थल' से जुड़ी बातें
- 160 एकड़ क्षेत्रफल में बनेगा राष्ट्र प्रेरणा स्थल.
- श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीन दयाल उपाध्याय और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमाएं लगाई जाएंगी.
- इस प्रेरणा स्थल में 30 से ज्यादा तरह के अलग-अलग जोन डेवलप किए जाने हैं.
- स्थल पर एक लाख से ज्यादा लोगों की क्षमता वाला जनसभा केंद्र भी विकसित किया जाएगा.
- महापुरुषों की प्रतिमाओं के अलावा फूलों की 'घाटी' से लेकर मल्टी ऐक्टिविटी सेंटर तक शामिल होगा. साथ ही अलावा बटरफ्लाई गार्डन, फलों का बाग, फूड कोर्ट, हाट ऐंड क्राफ्ट बाजार, कैफे, हर्बल गार्डन, साइकलिंग ऐंड जॉगिंग ट्रैक, मल्टी ऐक्टिविटी जोन, किड्स प्ले एरिया, लोटस ऐंड डक लेक, योग जोन, ओपन थिएटर, सफारी जोन और फुट ओवर ब्रिज भी विकसित किए जाने हैं.
- 50 करोड़ रुपये की पहली किस्त स्वीकृत हो गई है.

सरकार के फैसले पर विपक्ष ने उठाए सवाल
इस फैसले के बाद स्मारकों और पार्कों को लेकर विपक्ष को घेरने वाली बीजेपी पर भी सवाल उठने लगे हैं. यह पहला मौका होगा कि प्रदेश की बीजेपी सरकार अपनी विचारधारा से मेल खाने वाली शख्सियतों को केंद्र में रखते हुए कोई स्थल विकसित करेगी. हालांकि समाजवादी पार्टी इसको लेकर सवाल उठा रही है.
समाजवादी पार्टी का दावा है कि दूसरों पर सवाल उठाने वाली बीजेपी के पास अब वक्त नहीं है. आने वाले डेढ़ सालों में बीजेपी एक चौराहा तक नहीं बना सकती. ये सिर्फ बातों की सरकार है. काम इनके बस का नहीं है.

स्मारकों और मूर्तियों पर जानकारों की राय
जानकर मानते हैं कि अपने नायकों और विचाधारा को आगे बढ़ने में कोई हर्ज नहीं है. जो काम बीएसपी ने शुरू किया, एसपी ने किया बीजेपी उसी को आगे बढ़ा रही है. देश में लंबे समय तक एक विचारधारा और उनके महापुरुषों का ही बोल बाला रहा है.
साफ है कि आजादी के बाद से ही विचारधारा और महापुरुषों और उनके योगदान को लेकर लड़ाई रही है. अब बीजेपी सत्ता में है लिहाजा अपने प्रतीकों और महापुरुषों के जरिये अपनी विचारधारा को आगे बढ़ाने में जुटी है.

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