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कानपुर: राष्ट्रपति कोविंद 4 साल में पहली बार दिल्ली से कानपुर देहात अपने गांव परौंख पहुंचे हैं. घर से निकल कर एक बार राष्ट्रपति भवन का सफर तय किया, तबसे समय ने इतनी छूट नहीं दी कि वह अपने घर जाकर घरवालों के साथ आराम से बैठ पाएं या उनसे मिल पाएं. हालांकि, कल ही झींझक पहुंचकर उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि वे घर, गांव और बचपन को बहुत याद करते हैं.
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देश के प्रथम नागरिक रामनाथ कोविंद का परिवार आज भी बड़े साधारण तरीके से अपना जीवन व्यतीत कर रहा है. आइए जानते हैं कैसा है हमारे राष्ट्रपति का परिवार-
ये है राष्ट्रपति का परिवार
5 भाइयों के घर में 17 बेटियां और 7 बेटे हैं. रामवाथ कोविंद की 4 भतीजियां और 1 भतीजा सरकारी शिक्षक हैं और प्राइमरी स्कूल में पढ़ाते हैं. इसके अलावा, किसी का कपड़ों का तो किसी का अन्य चीजों का व्यापार है. राष्ट्रपति के तीन भाई (मोहनलाल, शिवबालक राम और प्यारेलाल) झींझक में रहते हैं. वहीं, चौथे भाई रामस्वरूप का परिवार मध्य प्रदेश के गुना में है.
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हमेशा घरवालों की काबिलियत को दिया बढ़ावा
राष्ट्रपति का पद ग्रहण करने के बाद भी रामनाथ कोविंद ने कभी अपने परिवार को शोहरत का गलत शौक नहीं लगने दिया. वे कभी भी भाई-भतीजावाद को बढ़ावा नहीं देते हैं. उनके परिवार वाले बताते हैं कि रामनाथ कोविंद से सभी बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित किया, लेकिन कभी भी शार्टकट का रास्ता नहीं लेने दिया. इसी वजह से परिवार का हर सदस्य अपनी काबिलियत के दम पर सकुशल जीवन यापन कर रहे हैं. राष्ट्रपति ने न कभी किसी को गलत तरीके से नौकरी दिलाई, न ही किसी को ऐसा करने का बढ़ावा दिया.
आज परिजनों से मिलेंगे राष्ट्रपति
27 जून, रविवार को राष्ट्रपति परौंख गांव आए हैं. इस दौरान उनके भाई, भतीजे और भाभी समेत परिवार के सभी लोग वहां मौजूद हैं. रामनाथ कोविंद अपने परिवार के सदस्यों से यहां मुलाकात कर रहे हैं. कार्यक्रम स्थल पर ही एक सेफ हाउस में वे अपने घरवालों के साथ बैठकर बात करेंगे.
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