भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है. ये संविधान, भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर, 1949 को पारित हुआ. 26 नवम्बर का दिन भारत के 'संविधान दिवस' के रूप में घोषित किया गया..है,
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नई दिल्ली: भारत में 26 जनवरी (26 January) का खास महत्व है. इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था यानी देश में कानून के राज की शुरुआत हुई. भारत तो 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया था, लेकिन 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के बाद भारत को सही मायने में आजादी मिली.
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21 तोपों की सलामी के बाद डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर भारतीय गणतंत्र के ऐतिहासिक जन्म का ऐलान किया. दरअसल गणतंत्र दिवस और 26 जनवरी अपने देश में एक दूसरे के पर्याय हैं. 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा की ओर से संविधान अपनाया गया और इसे लागू किया गया. 26 जनवरी 1950 को....अब सवाल उठता है कि इसे 26 नवम्बर 1949 को भी लागू किया जा सकता था लेकिन इसके लिए 26 जनवरी का दिन ही क्यों चुना गया. आइए जानते हैं इसके पीछे क्या कारण थे.
दो हस्तलिखित कॉपियों पर किए गए थे साइन
24 जनवरी 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित कॉपियों पर साइन किए गए. इसके दो दिन बाद यानी 26 जनवरी को देश भर में संविधान लागू हो गया. भारतीय संविधान की ये कॉपियां हिंदी और अंग्रेजी में हाथ से लिखी गईं. ये Copies संसद भवन की लाइब्रेरी में सुरक्षित रखी हुई हैं.
संसद की लाइब्रेरी में सुरक्षित
बता दें कि भारतीय संविधान हाथ से लिखा गया था, जो आज भी संसद की लाइब्रेरी में सुरक्षित है. इसे तैयार करने में दो साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था. भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा हाथ से लिखा हुआ संविधान कहा जाता है. संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर थे. भारत अपने गणतंत्र दिवस के मौके पर किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाता है. इंडिया गेट पर राज्यों की झांकियां निकाली जाती हैं और राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी जाती है.
विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन
31 जनवरी को विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया जाता है जिसमें भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के बैंड हिस्सा लेते हैं. इसके अलावा देश की सेना की अद्भुत क्षमताओं का प्रदर्शन भी राजपथ पर किया जाता है. हर साल की तरह इस बार भी गणतंत्र दिवस के बाद मनाया जाने वाला बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम 29 जनवरी को रायसीना हिल्स और विजय चौक स्थल पर आयोजित होगा. इस कार्यक्रम के होने का मतलब है गणतंत्र दिवस समारोह के समापन की औपचारिक घोषणा. शाम को ठीक 6 बजे बगलर्स रिट्रीट की धुन बजाते हैं और तिरंगे को उतार लिया जाता है.
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