सैल्यूट UP पुलिस: कहीं पिता तो कहीं बेटा बन कर रही है ‘अपनों’ का अंतिम संस्कार
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सैल्यूट UP पुलिस: कहीं पिता तो कहीं बेटा बन कर रही है ‘अपनों’ का अंतिम संस्कार

उत्तर प्रदेश पुलिस अपनी टैगलाइन 'सुरक्षा आपकी, संकल्प हमारा' चरितार्थ कर रही है. गोरखपुर में भी योगी की पुलिस ने इंसानियत और संवेदनशीलता की मिसाल पेश की है. सोशल मीडिया पर एक ट्वीट होने के बाद ही मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर महज एक घंटे में  प्रदेश की पुलिस मदद के लिए खड़ी हो गई.

अंतिम संस्कार के लिए शव को ले जाती पुलिस

लखनऊ. याद कीजिए पिछले साल अवध शिल्प ग्राम में उत्तर प्रदेश के तीसरे स्थापना दिवस के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि उनकी सरकार समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के कल्याण के लिए समर्पित है. 'जिसका कोई नहीं, उसका शासन होगा'. शासन इस भावना से अपने दायित्व के निर्वहन के लिए हमेशा तत्पर रहेगा.

 ट्वीट के बाद एक घंटे में पहुंची पुलिस 
 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इसी सोच का नतीजा है कि आज उत्तर प्रदेश पुलिस अपनी टैगलाइन 'सुरक्षा आपकी, संकल्प हमारा' चरितार्थ कर रही है. गोरखपुर में भी योगी की पुलिस ने इंसानियत और संवेदनशीलता की मिसाल पेश की है. सोशल मीडिया पर एक ट्वीट होने के बाद ही मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर महज एक घंटे में  प्रदेश की पुलिस मदद के लिए खड़ी हो गई.

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दरअसल गोरखपुर के आर्यनगर, तरंग रोड की रहने वाली गरिमा के घर पिछले कई वर्षों से एक महिला काम करती थी. बीते कुछ दिनों में महिला की अचानक तबीयत खराब हुई. जिसके बाद गरिमा के घरवालों ने उसका इलाज नजदीकी अस्पताल में कराया. लेकिन महिला की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ती गई. जिसके बाद आज सुबह उस महिला ने अंतिम सांस ली.

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अंतिम संस्कार के लिए पुलिस आई आगे 
महिला की बेटी दिल्ली में रहती है. जिस कारण कोई भी अपना महिला के अंतिम संस्कार के लिए आगे नहीं आ रहा है. ऐसे में जब गरीमा ने पूरे मामले की जानकारी ट्वीट के माध्यम से शासन को दी, तो मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर महज एक घंटे में शासन स्तर के अधिकारी और पुलिस महकमा मौके पर पहुंचा. अपना परिवार बनकर पहुंची गोरखपुर पुलिस ने महिला का अंतिम संस्कार कराया. यही नहीं पुलिस ने पूरे घर को सेनिटाइज करने की व्यवस्था भी की.

कहीं पिता का तो कहीं बेटा बनकर कर रही है मदद 
ऐसा नहीं है कि पहली बार मुख्यमंत्री के निर्देश पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने मानवता दिखाई हो. इससे पहले भी इस कोरोना काल में ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने कई मौकों पर कभी किसी का भाई बनकर, कभी पिता बनकर तो कभी बेटा बनकर मदद के लिए हाथ को आगे बढ़ाया है.  बीते दिनों जौनपुर मामले में भी यूपी पुलिस ने इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए बुजुर्ग की मदद की और महिला का अंतिम संस्कार कराया. नोएडा, मुरादाबाद जैसे कई जिलों में यूपी पुलिस ने परिवारों की मदद की. 

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लखनऊ पुलिस कराई अंतिम संस्कार 
ऐसे ही लखनऊ के रविन्द्रपल्ली में भी सीएम योगी के निर्देश पर पुलिस ने अकेले रहने वाले बुजुर्ग दंपत्ति भी मदद की. बुजुर्ग दंपति का बेटा कनाडा तो बेटी राजस्थान में रहती है. ऐसे में बुजुर्ग की मृत्यु होने के बाद पुलिस ने उनका अंतिम संस्कार किया और बुजुर्ग महिला के खाने पीने आदि की व्यवस्था भी की. 

नोएडा पुलिस कंधों पर लकड़ियां ढोकर जलाई चिता 
नोएडा के सेक्टर-19 में रहने वाले 52 साल के एक व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गई थी. उनका शव कई घंटे घर में पड़ा रहा. पड़ोसी मदद की बजाए घर छोड़कर भाग गए तो सेक्टर-20 कोतवाली की पुलिस मौके पर पहुंची. मृतक की बेटी और मां के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वे अंतिम संस्कार कर सकें. ऐसे में पुलिस ही मदद के लिए आगे आई और अंतिम संस्कार करवाया. इसके लिए पुलिसकर्मियों ने कंधों पर लकड़ियां ढोकर चिता सजाई. मृतक की बेटी ने शव को मुखाग्नि दी.

जाहिर है कि कोरोना महामारी का खौफ लोगों पर इस कदर हावी है कि वे रिश्ते-नाते और इंसानियत तक भूलते जा रहे हैं. हालत ये है कि किसी की नेचुरल डेथ के बाद भी श्मशान तक शव ले जाने के लिए चार कंधे मिल पाना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में उत्तर प्रदेश पुलिस आगे बढ़कर लोगों की मदद कर रही है.

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