UP Vidhansabha Chunav 2022: नहटौर सीट 2008 में अस्तित्व में आई, अब तक दो विधानसभा चुनाव देखे हैं
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UP Vidhansabha Chunav 2022: नहटौर सीट 2008 में अस्तित्व में आई, अब तक दो विधानसभा चुनाव देखे हैं

बिजनौर की नहटौर विधानसभा सीट (सुरक्षित) 2008 में अस्तित्व में आई. इस विधानसभा के मतदाताओं को पहली बार 2012 के विधानसभा चुनाव में अपना जनप्रतिनिधि चुनने का मौका मिला. 

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले की नहटौर विधानसभा सीट 2008 में हुए परिसीमन में धामपुर विधानसभा से काटकर बनाई गई.

बिजनौर: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले की नहटौर विधानसभा सीट 2008 में हुए परिसीमन में धामपुर विधानसभा से काटकर बनाई गई. नहटौर में बिजनौर विधानसभा का हलदौर क्षेत्र जोड़ा गया. यहां के टेक्सटाइल कारोबार से नहटौर की पहचान है. यहां कपड़ा बनाने का काम बड़े पैमाने पर होता था. नहटौर में बने स्कार्फ और स्टोल विश्व प्रसिद्ध है. यह पहचान धीरे-धीरे समाप्त हो रही थी. योगी सरकार के 'ए​क जिला एक उत्पाद' ने नहटौर टेक्सटाइल इंडस्ट्री को नई जान दी है. 

नहटौर की सीमा बिजनौर विधानसभा, धामपुर विधानसभा, नगीना विधानसभा और नूरपुर विधानसभा से जुड़ती है. यहां से मुरादाबाद, हरिद्वार, काशीपुर, नैनीताल, जसपुर, बिजनौर, दिल्ली और मेरठ आदि के लिए बसें हमेशा मिल जाती हैं. यह विधानसभा क्षेत्र रेल लाइन से नहीं जुड़ा है. नजदीकी रेलवे स्टेशन धामपुर है. शिक्षा की बात करें तो नहटौर में 10 इंटर और डिग्री कॉलेज मौजूद हैं. स्वास्थ्य की बात करें तो छोटी मोटी परेशानी के लिए यहां एमबीबीएस डॉक्टर मौजूद हैं. लेकिन किसी बड़ी बीमारी के इलाज के लिए यहां के लोगों को जिला मुख्यालय बिजनौर, मेरठ या मुरादाबाद जाना पड़ता है.

नहटौर विधानसभा सीट पर धार्मिक-जातिगत समीकरण
नहटौर विधानसभा सीट में कुल 2,94,269 मतदाता हैं, जिसमें 1,56,581 पुरुष और 1,37,688 महिलाएं हैं. इस विधानसभा में 90,000 मुस्लिम, 82,000 दलित, 32,000 सैनी, 28,000 जाट और 30,000 चौहान मतदाता हैं. एक तरह से कहें तो हिंदू ओबीसी और दलित मतदाता इस सीट पर उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करते हैं. बिजनौर की नहटौर विधानसभा सीट (सुरक्षित) 2008 में अस्तित्व में आई. 

नहटौर सीट का राजनीतिक इतिहास, 2017 के नतीजे
इस विधानसभा के मतदाताओं को पहली बार 2012 के विधानसभा चुनाव में अपना जनप्रतिनिधि चुनने का मौका मिला. बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी ओम कुमार नहटौर विधानसभा के पहले विधायक बने. उन्होंने अपने विपक्षी प्रत्याशी समाजवादी पार्टी के राजकुमार राजू को 19,398 वोटों के अंतर से हराया था. ओम कुमार को 51,389 और सपा के राजकुमार राजू को 31,991 वोट मिले थे, जबकि भाजपा प्रत्याशी सुभाष बाल्मीकि तीसरे स्थान पर रहे थे. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भी ओम कुमार ने इस सीट पर जीत दर्ज की. हालांकि 2017 के विधानसभा चुनाव में ओम कुमार भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. वह दोबारा इस सीट से विधायक चुने गए. इस बार उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी मुन्ना लाल प्रेमी को  हराया. ओम कुमार को 76,444 और मुन्ना लाल प्रेमी को 53,493 वोट मिले. 

वर्तमान भाजपा विधायक ओम कुमार के बारे में
विधायक ओम कुमार बिजनौर के गांव महेश्वरी जट के रहने वाले हैं. उन्होंने बिजनौर के राजकीय इंटर कॉलेज से 12वीं की है. डिग्री कॉलेज में स्नातक के लिए एडमिशन लिया था तभी असम राइफल्स में उनका सलेक्शन हो गया और वह फौज में चले गए. करीब 3 साल तक फौज में रहने के बाद उन्होंने नोएडा में ओम सिक्योरिटी के नाम से अपना बिजनेस शुरू किया जिसकी ब्रांच आज पूरे देश में है. करीब 10,000 से ज्यादा लोग इनके कंपनी में काम करते हैं. ओम कुमार बिजनेसमैन के साथ-साथ किसान भी हैं. इनके परिवार के अन्य सदस्य गांव में खेती भी करते हैं.

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