सेक्रेटरी ने कहा कि राज्य सरकार मंदिर का दोबारा निर्माण कराएगी और वहीं इसका खर्च बर्दाश्त करेगी. जिस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि जिन लोगों ने मंदिर को नुकसान पहुंचाया है उन्हीं से पैसे वसूल किए जाएं.
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नई दिल्ली/इस्लामाबाद: पाकिस्तान भी अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के नक्शे-कदम पर चलने लगा है. जिस तरह से योगी सरकार ने CAA प्रदर्शन में दंगों के दौरान आरोपियों से पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने वालों से हर्जाना वसूला था, उसी तर्ज पर अब पाकिस्तान भी दंगा-फसाद में पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने वालों से हर्जाना वसूल कर रहा है
पाकिस्तान के प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में पिछले दिनों तोड़े गए मंदिर को लेकर पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने कुछ ऐसा ही फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि जिन लोगों ने मंदिर को तोड़ा है उन से पैसे वसूल किए जाएं और मंदिर का दोबारा निर्माण कराया जाए. यह फैसला चीफ जस्टिस गुलजार अहमद की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय बेंच ने सुनाया है.
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पाकिस्तान अखबार डॉन के मुताबिक बेंच में शामिल जस्टिस एजाज़ुल हसन ने कहा कि बेहद अफसोशनाक वारदात हुई. हमलावर हर चीज़ को तबाह करते रहे और मंदिर को भी आग लगा दी. उन्होंने अदालत में मौजूद आईजी से पूछा कि यह वारदात कैसे हो गई? आपकी इंटेलीजेंस एजेंसियां क्या कर रही थीं?
जस्टिस के सवालों पर आईजी ने सफाई दी कि एसपी और डीएसपी समेत ड्यूटी पर मौजूद 92 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है, वारदात में शामिल 109 लोग पुलिस हिरासत में हैं. इस पर जस्टिस ने कहा कि पुलिस कर्मचारियों को सिर्फ सस्पेंड कर देना काफी नहीं है. उन्हें तनख्वाह मिलती रहेगी. इस वारदात से पाकिस्तान की दुनिया भर में बदनामी हुई है. जस्टिस ने आगे सवाल किया कि भीड़ को अंदर जाने की इजाज़त किसने दी. पुलिस का काम कानून पर अमल कराना है. जिसके जवाब में वकील सिर्फ इतना ही कह पाए कि ये बड़ी बदकिस्मती की बात है कि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.
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अदालत में सुनवाई के दौरान चीफ सेक्रेटरी ने बताया कि वारदात वाली जगह पर 100 पुलिस कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई है और हिंदू मंदिर को फिर सा बहाल करेंगे. जिस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि उसका खर्च कौन बर्दाश्त करेगा.
चीफ जस्टिस के इस सवाल पर सेक्रेटरी ने कहा कि राज्य सरकार मंदिर का दोबारा निर्माण कराएगी और वहीं इसका खर्च बर्दाश्त करेगी. जिस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि जिन लोगों ने मंदिर को नुकसान पहुंचाया है उन्हीं से पैसे वसूल किए जाएं. यानी मंदिर के निर्माण के लिए मौलवी शरीफ से पैसे वसूल किए जाएं, नहीं तो यह लोग फिर से ऐसा ही काम कहीं और करेंगे.
भारत ने जताया था विरोध
भारत ने भी मंदिर में तोड़फोड़ की घटना को लेकर पाकिस्तान के समक्ष विरोध दर्ज कराया है और इस घटना के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की है. सूत्रों के मुताबिक राजनयिक माध्यम से पाकिस्तान के समक्ष विरोध दर्ज कराया गया है.
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