अफसरों के साथ बैठक में CM योगी ने साफ कर दिया कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता मानक से कम मिली, तो डीएम और कमिश्नर इसके लिए जिम्मेदार होंगे.
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पवन सेंगर/लखनऊ: गाजियाबाद के मुरादनगर में हुए हादसे के बाद से योगी सरकार ने कड़ा रुख अपनाया हुआ है. पहले जिम्मेदार लोगों के ऊपर एफआईआर (FIR) दर्ज कराई गई. अब सरकार ने दुर्घटना के लिए जिम्मेदार ठेकेदार और अफसरों को सबक सिखाने का फैसला लिया है. घटना से नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्माण कार्य में हुए सरकारी धन के नुकसान के साथ ही मृतकों के परिवार को दी जा रही सहायता राशि की भरपाई भी जिम्मेदार ठेकेदार और इंजीनियरों से करने के निर्देश दिए हैं.
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गुणवत्ता के लिए टास्क फोर्स गठित
मंगलवार को अफसरों के साथ बैठक में CM योगी ने साफ कर दिया कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता मानक से कम मिली, तो डीएम और कमिश्नर इसके लिए जिम्मेदार होंगे. ठेकेदार और इंजीनियरों के साथ डीएम,कमिश्नर के खिलाफ भी कार्रवाई होगी.
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योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर जिले में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच के लिए टास्क फोर्स गठित की गई है. जिले में हो रहे सभी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की टास्क फोर्स औचक जांच करेगी. मुख्यमंत्री ने हर बड़े प्रोजेक्ट की कम से कम 3 बार औचक गुणवत्ता जांच कराने और उसकी रिपोर्ट तैयार करने के लिए अफसरों को निर्देश दिए हैं.
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हर मृतक परिवार को 10 लाख रुपये की मदद
CM योगी ने मुरादनगर हादसे के हर मृतक परिवार को 10 लाख रुपये सहायता राशि दिए जाने का भी निर्देश दिया है. इसके अलावा आवासहीन आश्रितों को आवास उपलब्ध कराने के भी आदेश दिए हैं. सीएम ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ ऐसी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, जो उत्तर प्रदेश में कार्य कर रहे ठेकेदारों और अफसरों के लिए एक सबक हो.
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