रेल मंत्री मिले CM त्रिवेन्द्र सिंह रावत, किया इन विशेष ट्रेनों को चलाने का अनुरोध
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रेल मंत्री मिले CM त्रिवेन्द्र सिंह रावत, किया इन विशेष ट्रेनों को चलाने का अनुरोध

रेल मंत्री से बातचीत के दौरान सीएम ने कहा कि साल 2018 में रेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा रूड़की-देवबंद परियोजना की लागत 791.39 करोड़ रुपये पुनर्निधारित की गई है.

सीएम रावत ने रूड़की-देवबंद परियोजना के शेष कार्यों का वित्त पोषण रेल मंत्रालय भारत सरकार से किए जाने का भी आग्रह किया.

नई दिल्ली: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को दिल्ली में केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की. सीएम ने टनकपुर-बागेश्वर रेल लाईन की स्वीकृति वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019-20 में करने का रेल मंत्री से अनुरोध किया. इसी के साथ मुख्यमंत्री ने दिल्ली व हल्द्वानी के बीच एक विशेष रेलगाड़ी व देहरादून से काठगोदाम के लिए सुबह के समय एक शताब्दी या जनशताब्दी गाड़ी शुरु करने का आग्रह किया. वहीं, रूड़की-देवबंद परियोजना के शेष कार्यों का वित्त पोषण रेल मंत्रालय भारत सरकार से किए जाने का भी आग्रह किया.

रेल मंत्री से बातचीत के दौरान सीएम ने कहा कि साल 2018 में रेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा रूड़की-देवबंद परियोजना की लागत 791.39 करोड़ रुपये पुनर्निधारित की गई है. साथ ही इस रेल परियोजना की लागत का शेयर रेल मंत्रालय व उत्तराखण्ड राज्य के बीच 50:50 के अंशदान में किए जाने पर सहमति हुई थी. रूड़की-देवबंद परियोजना की कुल लम्बाई 27.45 किमी है. इसके तहत उत्तर प्रदेश का लगभग 94 हेक्टेयर व उत्तराखण्ड का लगभग 70 हेक्टेयर क्षेत्र आ रहा है. वर्तमान में रेल मार्ग से देवबंद (सहारनपुर) से रूड़की (हरिद्वार) आने के लिए लम्बी दूरी तय करनी पड़ती है. रूड़की-देवबंद रेल लाईन के निर्माण से यात्रियों के समय की बचत होगी और यातायात सुगम होगा. 

मौजूदा वक्त में परियोजना की कुल लागत 791.39 करोड़ रुपये है. इसके सापेक्ष उत्तराखण्ड राज्य की तरफ से 240 करोड़ रुपये का अंशदान परियोजना में किया जा चुका है. राज्य के सीमित वित्तीय संसाधनों के चलते सीएम ने केन्द्रीय रेल मंत्री से रूड़की-देवबंद परियोजना में उत्तराखण्ड द्वारा वर्तमान तक दिए गए अंशदान को ही पर्याप्त मानते हुए प्रोजेक्ट के शेष कार्यों का वित पोषण रेल मंत्रालय भारत सरकार से करवाए जाने का अनुरोध किया.   

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