सुप्रीम कोर्ट ने आज सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश को नोटिस जारी कर ऐसे मामलों पर जवाब मांगा है.
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नई दिल्ली : यूपी के बदायूं के बड़े-छोटे सरकार दरगाह में मानसिक रूप से बीमार लोगों को इलाज के नाम पर जंजीर से बांधकर रखने के मामले में सोमवार को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर दिया है. इसमें राज्य सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि बदायूं की उस दरगाह से मानसिक रोग से पीडि़त 17 लोगों को रिहा करवा दिया गया है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश को नोटिस जारी कर ऐसे मामलों पर जवाब मांगा है. मामले की सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी.
बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि रूहानी इलाज के नाम पर बीमार लोगों को जंजीर में बांधा जाना बहुत ही गलत नृशंस एवं अमानवीय है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था है कि मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को चेन में बांधकर नहीं रखा जा सकता. ये उनके अधिकारों और उनके सम्मान के खिलाफ है. एक मानसिक रोगी भी इंसान है, उसकी अपनी भी गरिमा है. अगर वो हिंसक भी है, तो उन्हें अकेले रखा जा सकता है, कोर्ट ने कहा कि जंजीरों में बांधना समाधान नहीं है.
दरअसल बदायूं के बड़े-छोटे सरकार दरगाह में इलाज के लिए मानसिक रूप से बीमार लोगों को जंजीर से बांधकर रखा जाता है. इसके खिलाफ गौरव बंसल नाम के वकील ने याचिका दायर कोर्ट से दख़ल देने की मांग की थी. कोर्ट ने इस मामले में 7 जनवरी को सरकार से जवाब मांगा था. याचिका में ये भी कहा गया है कि राज्य मेंटल हेल्थ केयर एक्ट पर अमल नहीं करते.