Bulandshahar Ka Itihaas: उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक शहरों में से एक बुलंदशहर है. इस शहर का इतिहास 1200 साल पुराना है. इस शहर को पहले बरन के नाम से जाना जाता था. आइए जानते हैं शहर का पूरा इतिहास.
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Bulandshahar Ka Itihaas: उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक शहरों में से एक बुलंदशहर है. इस शहर का इतिहास 1200 साल पुराना है. इस शहर को पहले बरन के नाम से जाना जाता था. यहां अहिबरन नाम के शासक ने बरन नाम का किला बनाया था. उसने बाद में इस जगह को बरनशहर नाम से अपनी राजधानी बनाई. इसके बाद में इस शहर का बुलंदशहर किया गया. इस शहर का खुर्जा सिरेमिक यानी चीनी मिट्टी के उत्पादों के लिए जाना जाता है. इस इलाके में सैकड़ों साल से सिरेमिक का कारोबार होता है. जानकारी के मुताबिक, खुर्जा इलाके का इतिहास तैमूर वंश से जुड़ा है. बताया जाता है कि 600 साल पहले उज्बेकिस्तान के शासक तैमूर लंग ने दिल्ली पर हमला किया था. तैमूर की सेना के कुछ हस्तशिल्पकार भारत में ही रह गए. उन्होंने खुर्जा की कलाकृति को नया रूप दिया.
क्या है शहर का इतिहास?
ब्रिटिश काल में यहां राजा अहिबरन के वंशज राजा अनूपराय ने भी शासन किया. जिन्होंने अनूपशहर नाम का शहर बसाया. उनकी शिकारगाह आज शिकारपुर नगर के रूप में फेमस है. मुगल काल के अंत और ब्रिटिश काल के उद्भव समय में जनपद में ही मालागढ़ रियासत, छतारी रियासत और दानपुर रियासत की भी स्थापना हो चुकी थी, जिनके अवशेष आज भी जनपद में विद्यमान है. दानपुर रियासत का नबाब जलील खान था और छतारी रियासत ब्रिटिश परस्त रही. कहा जाता है कि पांडव भी बुलंदशहर के आहार में कुछ दिन रहे थे.
शहर के फेमस टूरिस्ट प्लेस
दिल्ली के करीब 112 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद ये शहर फेमस टूरिस्ट प्लेस है. टूरिस्टों के घूमने के लिए यहां कई खूबसूरत और पौराणिक जगहें हैं. इस जिले के खुर्जा तहसील में खुर्जा देवी मंदिर है. ये मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है. मान्यता है कि इस मंदिर की 108 परिक्रमाएं लगाने से हर मनोकामनाएं पूरी होती है. इसके अलावा यहां कुचेसर का किला भी काफी फेमस है. यह सैलानियों का आकर्षण का केंद्र है. इसे राव राज विलास के नाम से भी जाना जाता है.