करहल में कहीं गलती न कर बैठें अखिलेश, सपा प्रमुख के इस्तीफे के बाद हुए उपचुनाव में सपा पर पड़े हैं भारी
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करहल में कहीं गलती न कर बैठें अखिलेश, सपा प्रमुख के इस्तीफे के बाद हुए उपचुनाव में सपा पर पड़े हैं भारी

Karhal bypolls 2024:  सांसद बनने के बाद अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था. इस सीट पर उपचुनाव होना है. उपचुनाव की तारीखों का ऐलान 15 अक्टूबर यानी आज हो सकता है.  सपा का गढ़ कही जाने वाली इस सीट पर सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं. 

UP Bypoll 2024

Karhal byelection 2024: उपचुनाव की तारीखों का ऐलान 15 अक्टूबर यानी आज हो सकता है. कन्नौज सीट से सांसद बनने के बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था. इस सीट पर उपचुनाव होना है. सपा का गढ़ कही जाने वाली इस सीट पर सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं. सपा के साथ बीजेपी ने भी हवा का रुख भांपना शुरू कर दिया है. पार्टियां चुनावी मंथन में जुटी हैं तो दोनों दलों के दावेदार भी टिकट की जुगत में लग गए हैं.

2022 में अखिलेश जीते थे चुनाव
2022 के विधानसभा चुनाव में करहल विधानसभा सीट से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने करीब 60 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी. उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार एसपी सिंह बघेल को हराया था. करहल सीट पर सपा का 22 साल से अभेद किला बना हुआ है. 2002 से लेकर 2017 तक यहां सपा उम्मीवार सोबरन सिंह यादव चुनाव जीतते रहे जबकि 2022 में अखिलेश यादव ने बाजी मारी. 

दावेदारों की लंबी फेहरिस्त
सपा से टिकट के दावेदारों में सबसे बड़ा नाम पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव का है,सैफई परिवार से आने वाले तेज प्रताप यादव के अलावा भी सपा से टिकट पाने के लिए नेता जुटे हैं. माना जा रहा है कि सपा हाईकमान जल्द यहां प्रत्याशी चयन को लेकर निर्णय ले सकता है. 

बीजेपी ने जयवीर को दी जिम्मेदारी
वहीं, बीजेपी प्रत्याशी का नाम फाइनल के लिए जुट गई है. बीजेपी ने योगी सरकार में मंत्री जयवीर सिंह को उपचुनाव के लिए प्रभारी मंत्री बनाया है. पार्टी करहल में मजबूत चेहरा तलाश रही है. बृज क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष भी पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर चुके हैं. उन्होंने कार्यकर्ताओं को बूथ को मजबूत बनाने के निर्देश दिए हैं. 

ये ट्रेंड सपा के लिए बना सिरदर्दी
अखिलेश यादव ने अब तक तीन बार लोकसभा और एक बार विधानसभा सीट से इस्तीफा दिया है. लेकिन उपचुनाव के आंकड़े उनके पक्ष में नहीं गए. 2009 में वह कन्नौज और फिरोजाबाद से सांसद बने. फिरोजाबाद सीट छोड़ी तो यहां से डिंपल यादव चुनाव लड़ीं लेकिन उनको हार  का  सामना करना पड़ा. 2012 में सीएम बनने के बाद अखिलेश ने कन्नौज से इस्तीफा दिया तब डिंपल निर्विरोध जीतीं. 2022 में वह करहल से जीते तो आजमगढ़ से इस्तीफा दिया. यहां से धर्मेंद्र यादव चुनाव लड़े लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा. 

सीट का सियासी गणित
करहल विधानसभा सीट पर मतदाताओं की संख्या 3 लाख 65 हजार है. जिसमें पुरुष वोटर 1 लाख 95 हजार जबकि 1 लाख 70 हजार के करीब महिला वोटर हैं. यहां यादव मतदाता सबसे ज्यादा हैं. जिनकी संख्या करीब 40 फीसदी है. जातीय समीकरण देखें तो यादव वोटर्स की अनुमानित संख्या 1.25 लाख, शाक्य 35 हजार, क्षत्रिय 30 हजार, एससी 22 हजार, मुस्लिम 18 हजार, ब्राह्मण 16 हजार, वैश्य 15 हजार, लोधी 15 हजार हैं.

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