उत्तरकाशी में राहत एवं बचाव कार्य पर मौसम की मार, 2 शव अब भी लापता
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उत्तरकाशी में राहत एवं बचाव कार्य पर मौसम की मार, 2 शव अब भी लापता

उत्तरकाशी में राहत एवं बचाव कार्य जारी है. रविवार को 10 शव सुरक्षित स्थान पर पहुंचाए गए. दो मृतकों के शव अभी भी बरामद नहीं हुए हैं.

उत्तरकाशी में राहत एवं बचाव कार्य पर मौसम की मार, 2 शव अब भी लापता

उत्तरकाशी/हेमकान्त नौटियाल: उत्तरकाशी द्रोपदी के डांडा-2 एवलांच घटना में जान गंवाने वाले मृतकों में दस शव रविवार को मातली हेलीपैड लाए गए. सेना के हेलीकॉप्टर के जरिए शव को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. अब तक 21 शव उत्तरकाशी लाये जा चुके हैं. जबकि 6 शव अभी लाने और बाकी है. रविवार सुबह आर्मी के हेलीकॉप्टर ने बेस कैंप-1 के लिए उड़ान भरी और 10 प्रशिक्षणार्थियों के शवों को मातली हेलीपैड पर लाए. परिजनों के द्वारा शवों की शिनाख्त की गई. आइटीबीपी अस्पताल मातली में 10 शवों के पोस्टमार्टम का कार्य किया गया. इसके बाद शवों को उनके परिजनों के सपुर्द किया गया. 

लांस नायक को दी गई श्रद्धांजलि
रविवार को सेना में उत्तर प्रदेश कानपुर निवासी लांस नायक शुभम सिंह को मातली हेलीपैड में जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला सेना के अधिकारी सहित सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर श्रद्धांजलि दी. अभी 6 शव आने और बाकी है. लेकिन अभी भी कुछ परिजन ऐसे हैं जो अपनों का इंतजार मातली हेलीपैड पर पिछले 6 दिनों से कर रहे हैं. 

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परिजनों का कहना है कि हम लोग काफी परेशान हैं. जबकि 2 प्रशिक्षणार्थी अभी भी इस घटना में लापता है जिन की खोजबीन रेस्क्यू टीम के द्वारा की जा रही है. कुछ परिजनों मातली हैलीपैड के पास ही अपने लापता परिजन के शव का इंतजार कर रहे हैं. परिजनों को राहत एवं बचाव कार्य में शामिल लोग समझाइस दे रहे हैं. द्रौपदी का डांडा-2 में बेस कैंप के पास मौसम ठीक नहीं हैं. मौसम ठीक होते ही शेष लापता शव की तलाश की जाएगी. 

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