बसपा का एक प्रतिनिधमंडल आगरा जाने की तैयारी में. इसके पहले कांग्रेस और सपा भी लगातार सोशल मीडिया के जरिये सरकार पर हमलावर नजर आई है. जानें क्या है बसपा का सरकार को घेरने का प्लान...
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के आगरा में पुलिस कस्टडी में हुई सफाई कर्मचारी अरुण वाल्मीकि की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. जहां विपक्षी दल कांग्रेस और सपा इस मामले में सरकार को घेरने में लगे हैं. वहीं, अब मायावती की पार्टी भी एक्शन में आ गई है. कुछ देर पहले ही बसपा की मुखिया मायावती ने ट्वीट कर लिखा है कि 'आगरा में पुलिस कस्टडी में सफाईकर्मी की हुई मौत की घटना अति-दुःखद है. इस संबंध गयाचरण दिनकर के नेतृत्व में बीएसपी का एक प्रतिनिधिमंडल आज आगरा जाएगा और घटना के दोषियों को सजा दिलाने की मांग करेगा.' इसी के साथ मायावती ने लिखा है कि पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने आदि को लेकर पीड़ित परिवार और प्रशासन से यह डेलिगेशन मिलने वाला है.
1. आगरा में पुलिस कस्टडी में सफाईकर्मी की हुई मौत की अति-दुःखद घटना के सम्बंध में श्री गयाचरण दिनकर के नेतृत्व में बीएसपी का एक प्रतिनिधिमण्डल आज आगरा जाकर घटना के दोषियों को सजा व पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने आदि को लेकर पीड़ित परिवार व प्रशासन से भी मिलेगा।
— Mayawati (Mayawati) October 21, 2021
प्रियंका गांधी पहुंची पीड़ित परिवार से मिलने
वहीं, बीते बुधवार को कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पीड़ित परिवार के पास पहुंची और उनसे मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने 'मिशन शक्ति' और जनता की सुरक्षा की बातें कर सरकार को घेरने की कोशिश की. प्रियंका ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने घर से परिवार के लोगों को खींच-खींचकर पीटा है. बता दें, इसके पहले पीड़ित परिवार से मिलने के लिए धारा-144 का उल्लंघन करने पर प्रियंका गांधी को हिरासत में लिया गया था.
अखिलेश यादव ने की थी पुलिस पर कार्रवाई की मांग
इसके अलावा, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर इस मामले में सरकार को घेरा था. अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा था कि 'भाजपा सरकार में पुलिस खुद अपराध कर रही है तो फिर अपराध कैसे रुकेगा? आगरा में पहसे सांठगांठ कर थाने के मलखाने से 25 लाख की चोरी कराई गई. फिर सच छुपाने के लिए गिरफ्तार किए गए सफाईकर्मी की कस्टडी में हत्या स्तब्ध करती है. हत्यारे पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई हो.'
प्रशासन ने किया 10 लाख मुआवजे का वादा
मामले में प्रशासन ने पीड़ित परिवार को 10 लाख मुआवजा और परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी देने का वादा किया है. वहीं, वाल्मीकि समुदाय के लोग अरुण की मृत्यु के मामले की स्वतंत्र जांच की मांग कर रहे हैं. समुदाय के स्थानीय नेताओं ने कहा है कि इस मामले में जब तक निष्पक्ष जांच शुरू नहीं होती, तब तक वे विरोध करते रहेंगे.
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