Prayagraj: पूर्व सांसद उमाकांत यादव व उनके बेटों के खिलाफ जौनपुर के शाहगंज थाने में कपट, धोखाधड़ी समेत अन्य आरोप में एफआईआर दर्ज हैं. जमीन की खरीद-फरोख्त में धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है. कोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए याचिकाएं निस्तारित कर दी है.
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मो. गुफरान/प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाहुबली पूर्व सांसद उमाकांत यादव और उनके बेटों को बड़ी राहत दी है. हाईकोर्ट ने एमपी एमएलए कोर्ट के गैर जमानती वारंट व कुर्की की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने पूर्व सांसद और उनके बेटों को 20 दिन के अंदर अदालत में पेश होकर जमानत अर्जी दाखिल करने का समय दिया है. आदेश की अवहेलना करने पर कोर्ट को गैर जमानती वारंट व कुर्की कार्यवाही करने की छूट होगी.
धोखाधड़ी समेत अन्य आरोप में एफआईआर दर्ज
पूर्व सांसद उमाकांत यादव व उनके बेटों के खिलाफ जौनपुर के शाहगंज थाने में कपट, धोखाधड़ी समेत अन्य आरोप में एफआईआर दर्ज हैं. जमीन की खरीद-फरोख्त में धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है. कोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए याचिकाएं निस्तारित कर दी है. मामले में अदालत में हाजिर नहीं होने पर कोर्ट ने गैर जमानती वारंट व कुर्की की कार्रवाई का आदेश जारी किया था.
तीन हफ्ते में हाजिर होकर जमानत अर्जी देने की मोहलत
इस मामले में इनका कहना था कि ट्रायल कोर्ट में वे हर तारीख पर हाजिर होते थे. लेकिन उन्हें केस एमपी/एमएलए विशेष अदालत प्रयागराज में स्थानांतरित होने की जानकारी नहीं हुई जिसके कारण वे हाजिर नहीं हो सके. वे अदालत में हाजिर होने को तैयार हैं. उन्हें ऐसा करने में संरक्षण दिया जाए.
आदेश की अवहेलना करने पर गैर जमानती वारंट व कुर्की की कार्यवाही होगी
जस्टिस हर्ष कुमार ने उमाकांत यादव को 20 दिन में जमानत अर्जी दाखिल करने तथा कोर्ट को नियमानुसार उसके निस्तारित करने का निर्देश दिया है मगर कहा है कि आदेश की अवहेलना की दशा में कोर्ट को गैर जमानती वारंट व कुर्की कार्यवाही करने की छूट होगी. इसी तरह उमाकांत यादव के बेटे दिनेश कुमार उर्फ सूर्यकांत और तीन अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने तीन हफ्ते में हाजिर होकर जमानत अर्जी देने की मोहलत दी है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में पूर्ण रूप से कामकाज होगा
वहीं आज से पूर्ण रूप से जिला न्यायालयों को खोलने का फैसला किया गया है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जिला न्यायालयों में मंगलवार से पूर्ण रूप से कामकाज की अनुमति दी है. 100 फीसदी न्यायिक अधिकारियों/कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ कामकाज की अनुमति मिली है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रशासनिक कमेटी ने लिया फैसला. कोविड चलते सीमित कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ ही जिला न्यायालयों में कामकाज की अनुमति थी.
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