आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र से सांसद रहे मुलायम सिंह यादव के भी लापता होने के भी साल 2015 में पोस्टर लगे थे. उस समय जिले की जनता ने उन्हें लालटेन लेकर खोजना शुरू किया था.
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वेदेन्द्र प्रताप शर्मा/आजमगढ़: उत्तर प्रदेश में अगले यानी साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनाव को देखते हुए सभी राजनीतिक पार्टियां एक्टिव मोड पर हैं. सभी पार्टियां एक-दूसरे पर हमला बोलने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं. इसी बीच आजमगढ़ में बीजेपी ने कुछ ऐसा किया कि पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गया. दरअसल, जिले के कलेक्ट्रेट के पास आजमगढ़ के सांसद अखिलेश यादव के लापता होने के पोस्टर दीवारों पर चस्पा किए गए. जिले की जनता हाथ में मोमबत्ती और पोस्टर लेकर सड़क पर उन्हें खोज रही है. अखिलेश को खोजने का यह कोई पहला वाक्या नहीं है. दो साल पहले भी कांग्रेस के नेताओं ने सपा अध्यक्ष के लापता होने के पोस्टर लगाए थे.
अखिलेश पर लगाए ये आरोप
भाजपा जिला उपाध्यक्ष हरिवंश मिश्र ने सांसद अखिलेश यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि जनता ने इतने बड़े नेता को चुनाव जिता कर इसलिए भेजा था कि जिले की समस्याओं का समाधान करेंगे. अखिलेश यादव आजमगढ़ जिले के लालगंज संसदीय क्षेत्र में निजी कार्यक्रम में शामिल होते हैं. जबकि जलभराव व डायरिया से जूझ रही जनता का हाल लेने नहीं आते हैं. कोविड संक्रमण के समय प्रधानमंत्री मोदी अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा करने गए पर अखिलेश झांकने तक नहीं आए. इसी से नाराज होकर यह पोस्टर लगाए गए हैं.
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मुलायम सिंह यादव के भी लापता होने के लगे थे पोस्टर
बता दें कि 2014 में आजमगढ़ संसदीय सीट से सांसद चुने गए मुलायम सिंह यादव के भी साल 2015 में लापता होने के पोस्टर लगे थे. उस समय जिले की जनता ने उन्हें लालटेन लेकर खोजना शुरू किया था. हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह ने यह सीट अपने बेटे के लिए छोड़ दी थी. जिसके बाद 2019 में अखिलेश यादव इस सीट से सांसद चुने गए. जिले की नजरअंदाजी के कारण अखिलेश यादव के लापता होने के पोस्टर पहले में भी लगे थे.
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