Barabanki News: महिला संगीता देवी ने वर्ष 2009 में सुरसंडा गांव के रहने वाले कनौजी लाल लोध के साथ कोर्ट मैरिज की थी. महिला के पिता बाबूलाल अनुसूचित जाति के हैं. महिला के सुल्तानपुर जनपद में मिले शैक्षिक व राजस्व अभिलेखो में भी उसकी अनुसूचित जाति दर्शायी गयी है.
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नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में पिछले दिनों हुए ग्राम पंचायत के चुनाव में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. यहां एक महिला ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर ग्राम प्रधानी का चुनाव जीत लिया. वहीं, अब जब इस बात का खुलासा हुआ तो बाराबंकी जिला प्रशासन के होश उड़ गये हैं. महिला शादी के पहले अनुसूचित जाति की थी, लेकिन उसने शादी ओबीसी जाति के शख्स से कर ली. शादी के बाद महिला ने पति का सहारा लेकर अपना भी ओबीसी जाति का प्रमाण पत्र बनवा लिया, जो नियमों के मुताबिक सरासर गलत है. क्योंकि महिला की जाति उसके पिता से ही मानी जाती है. ऐसे में महिला शादी के बाद भी अनुसूचित जाति की रहेगी. वहीं, अब खुलासा होते ही जिला प्रशासन ने मामले का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है.
फर्जी ओबीसी जाति प्रमाण पत्र बनवाने का है आरोप
आरोप है कि सरसण्डा गांव में अनुसूचित जाति की महिला ग्राम प्रधान संगीता देवी द्वारा प्रधानी के चुनाव में बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया है. यहां ओबीसी आरक्षित महिला ग्राम प्रधान पद के चुनाव के लिए संगीता देवी ने पहले फर्जी ओबीसी जाति प्रमाण पत्र बनवाया. फिर उसी को लगाकर चुनाव लड़ लिया. इस चुनाव में वह जीत भी गई. अब जब गांव वालों ने इस महिला के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला की ग्राम प्रधान बनी संगीता देवी मूलरूप से सुल्तानपुर जनपद के बस्तीपुर पहाड़पुर गांव की रहने वाली है जो अनुसूचित जाति की है.
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2009 में की थी कोर्ट मैरेज
महिला संगीता देवी ने वर्ष 2009 में सुरसंडा गांव के रहने वाले कनौजी लाल लोध के साथ कोर्ट मैरिज की थी. महिला के पिता बाबूलाल अनुसूचित जाति के हैं. महिला के सुल्तानपुर जनपद में मिले शैक्षिक व राजस्व अभिलेखो में भी उसकी अनुसूचित जाति दर्शायी गयी है. यानी महिला संगीता देवी शादी के पहले अनुसूचित जाति की थी, लेकिन उसने शादी ओबीसी जाति के शख्स से कर ली. शादी के बाद महिला ने पति का सहारा लेकर अपना भी ओबीसी जाति का प्रमाण पत्र बनवा लिया जो नियमों के मुताबिक सरासर गलत है. क्योंकि महिला की जाति उसके पिता से ही मानी जाती है.
ऐसे में महिला शादी के बाद भी अनुसूचित जाति की रहेगी, लेकिन पिछले दिनो त्रिस्तरीय पंचायत के ग्राम प्रधान चुनाव में अधिकारियों की मिलीभगत से महिला ने फर्जी ओबीसी प्रमाण पत्र बनवाकर चुनाव जीत लिया. वहीं, अब यह खुलासा होने के बाद कई तरह के सवाल लेखपाल से लेकर तहसील के अधिकारियों पर खड़े हो रहे हैं, क्योंकि एक अनुसूचित जाति की महिला को चुनाव में फर्जी ओबीसी का जाति प्रमाण पत्र जारी कर दिया.
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सुलतानपुर के SDM से मांगी गई जानकारी
इस मामले को लेकर सुलतानपुर जिले में उपजिलाधिकारी महेंद्र कुमार सिंह से उपजिलाधिकारी रामनगर ने महिला की जाति के सम्बंध में सूचना रिपोर्ट मांगी हैं, जिससे महिला का सारा फर्जीवाड़ा सामने आ गया. महिला की जाति अनुसूचित निकली. जिसके बाद सरसण्डा के लोंगो ने इस संबंध में उपजिलाधिकारी रामनगर को लिखित शिकायत देकर ग्राम प्रधान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. बाराबंकी के अपर जिलाधिकारी राकेश सिंह ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है. ग्राम पंचायत सरसण्डा में ग्राम प्रधान पद के लिये हुए चुनाव में जाति को लेकर कुछ विवाद हुआ है. इस संबंध में एसडीएम रामनगर कोर्ट में अपील की जा सकती है जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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