Chaudhary Charan Singh Jayanti:किसानों को समर्पित था चौधरी चरण सिंह का जीवन, जानें उनसे जुड़ी खास बातें
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1053837

Chaudhary Charan Singh Jayanti:किसानों को समर्पित था चौधरी चरण सिंह का जीवन, जानें उनसे जुड़ी खास बातें

चौधरी चरण सिंह का जन्मदिन भारत में किसान दिवस (kisan divas) के रूप में मनाया जाता है. पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चरण सिंह किसानों के हमदर्द थे.

Chaudhary Charan Singh Jayanti:किसानों को समर्पित था चौधरी चरण सिंह का जीवन, जानें उनसे जुड़ी खास बातें

Chaudhary Charan Singh Jayanti: भारत के पाचंवे प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का आज यानी 23 दिसंबर को जन्मदिन (Chaudhary Charan Singh birth anniversary) है. वैसे तो 23 दिसंबर के दिन देश और दुनिया में तमाम घटनाएं हुई थीं, लेकिन इस दिन का महत्व देश के पांचवें प्रधानमंत्री के जयंती होने के कारण अलग ही है. चौधरी चरण सिंह का जन्मदिन भारत में किसान दिवस (kisan divas) के रूप में मनाया जाता है. पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चरण सिंह किसानों के हमदर्द थे.

लखनऊ में कांग्रेस कर रही 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' मैराथन दौड़ का आयोजन, विजेता को मिलेगी स्कूटी

किसानों के थे मसीहा
भारत को किसानों का देश कहा जाता है. किसानों से जुड़े मुद्दों पर अक्सर ही देश में आवाज बुलंद रहती है. आज के दिन देशवासियों को किसान दिवस के तौर पर मनाने का मकसद यह याद दिलाना है कि किसान देश का अन्नदाता है और किसान की हर परेशानी को दूर करने का काम भारत के लोगों का है. चौधरी चरण सिंह ने अपना संपूर्ण जीवन भारतीयता और ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में ही जिया. 

PM Kisan 10th Installment: खत्म होगा किसानों का इंतजार! 1 जनवरी को आ सकती है 10वीं किस्त

दो बार बने यूपी के सीएम
चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर को एक जाट परिवार में हुआ था. उन्होंने गायत्री देवी के साथ शादी के सात फेरे लिए. उनका एक बेटा अजीत सिंह चौधरी (Ajit Singh)था. अजीत सिंह भी एक बड़े नेता के रूप में जाने जाते थे. चौधरी चरण सिंह भारत के किसान राजनेता और पांचवे प्रधानमंत्री थे. उन्होंने यह पद 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक संभाला था.  बता दें, उन्होंने उत्तर प्रदेश के सीएम का पद भी संभाला है. 3 अप्रैल 1967 में चौधरी चरण सिंह यूपी के मुख्यमंत्री (UP CM) बने थे. इसके बाद 1968 में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन 17 फरवरी 1970 में दोबारा वो यूपी के सीएम बने. चौधरी चरण सिंह केन्द्र सरकार में गृहमंत्री भी बने, जहां उन्होंने मंडल और अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना की. इसके बाद 1979 में वित्त मंत्री और उपप्रधानमंत्री के रूप में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक की स्थापना की. 

सपा रामनगरी में बनवाएगी निषादराज का मंदिर! सत्ता में आने के लिए निषादों पर डाले डोरे

मेरठ से की थी वकालत
चौधरी चरण सिंह की कर्मभूमि यूपी का मेरठ (Meerut) जिला रहा. यहां के मेरठ कॉलेज से उन्होंने एलएलबी के बाद,  यहीं से वकालत भी की. छोटे से मकान में रह कर उन्होंने वकालत की शुरुआत की थी, लगभग तीन से चार साल वह मेरठ में ही रहे थे. चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) ने इकोनामिक नाइट मेयर आफ इंडिया समेत कई महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखी हैं. सन् 1942 में भारत छोड़ों आंदोलन के दौरान चौधरी चरण सिंह द्वारा बरेली जेल में उन्होंने दो डायरियां लिखी थीं. 

सहारनपुर से था खास नाता
चौधरी चरण सिंह का यूपी के सहारनपुर से खास नाता रहा है. उन्होंने न सिर्फ यहां के नेताओं के राजनीति में आगे बढ़ाया बल्कि जनसभाओं के माध्यम से जिले की जनता को राष्ट्रीय मुद्दों से भी जोड़ा है. पूर्व प्रधानमंत्री के जयंती पर देश में अलग-अलग जगहों पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. स्व. चौधरी चरण सिंह की जयंती पर हर साल 23 दिसंबर को कृषि मेला, प्रदर्शनी, कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है.

बेटा अजीत सिंह का भी राजनीति में अच्छा दखल
पूर्व प्रधानमंत्री के बेट चौधरी अजीत सिंह का जन्म 12 फरवरी 1939 को हुआ था. ये एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे. वे भारत के कृषि मंत्री रहे और वो साल 2011 से केन्द्र की यूपीए सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री रहे. साथ ही वो राष्ट्रीय लोक दल के लम्बे समय तक अध्यक्ष रहे. अजीत सिंह उत्तर प्रदेश के बागपत से निर्वाचित सांसद भी रहे थे, लेकिन कोरोना के कारण 6 मई 2021 को गुरुग्राम में उनकी मृत्यु हो गयी. बात करें वर्तमान समय की तो चौधरी चरण सिंह के पोते जंयत चौधरी (Jayant Chaudhary) राष्ट्रीय लोकदल के सदस्य हैं, जिन्होंने मथुरा निर्वाचन क्षेत्र से 15 वीं लोकसभा चुनाव जीता और भाजपा के श्याम सुदंर शर्मा को हराया था. वे 2014 के चुनाव में अभिनेत्री हेमामालिनी से हार गए थे. फिलहाल वो रालोद के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं. बता दें, 2019 के लोकसभा चुनाव में जंयत चौधरी बागपत से खड़े हुए थे, लेकिन भाजपा के डा. सत्यपाल सिंह ने उन्हें करीब 23 हजार वोटों से हराया दिया.

WATCH LIVE TV

Trending news