योगी के बुलडोजर से इस साल जमकर कुचला गया माफिया का गुरूर, निकल गई अपराधियों की हेकड़ी
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योगी के बुलडोजर से इस साल जमकर कुचला गया माफिया का गुरूर, निकल गई अपराधियों की हेकड़ी

यूपी में इस साल घटे बड़े घटनाक्रमों की बात करें तो सबसे ऊपर नाम सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) द्वारा माफिया के हौसले तोड़ने पर होगा. सीएम योगी का बुलडोजर माफिया की संपत्ति पर ऐसा चला कि इन अपराधिक छवि वालों का मनोबल टूट कर ही रह गया.

योगी के बुलडोजर से इस साल जमकर कुचला गया माफिया का गुरूर, निकल गई अपराधियों की हेकड़ी

लखनऊ: यूपी में इस साल घटे बड़े घटनाक्रमों की बात करें तो सबसे ऊपर नाम सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) द्वारा माफिया के हौसले तोड़ने पर होगा. सीएम योगी का बुलडोजर माफिया की संपत्ति पर ऐसा चला कि इन अपराधिक छवि वालों का मनोबल टूट कर ही रह गया. उत्तर प्रदेश के 25 माफिया पर योगी सरकार का बुलडोजर चला है. इससे 1500 करोड़ से अधिक की संपत्ति को जब्त करने में मदद मिली है. यहां हम आपको बताएंगे कि इस साल यूपी में किन माफियां पर कब कब कार्रवाई हुई.

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पूर्व सांसद माफिया अतीक अहमद
पिछले रविवार को यूपी के सीएम योगी (Yogi Adityanath) ने प्रयागराज में बाहुबली माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद  (Atique Ahmed) के कब्जे से मुक्त सरकारी जमीन पर भूमि पूजन करके आवासीय योजना (PM Awasiya Yojana) की आधारशिला रखी. उन्होंने कहा कि खाली कराई गई जमीन पर अब घर बनाने की योजना शुरू की जाएगी. आवासीय योजना के तहत करीब 75 फ्लैट का निर्माण होगा. ये फ्लैट गरीबों को बेहद ही सस्ते दामों में उपलब्ध कराए जाएंगे.

बता दें, इस साल अतीक अहमद और उसके सहयोगियों की कुल 203 करोड़ की अवैध संपत्ति को जब्त किया गया है. इस मामले अतीक गैंग के करीब 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही ऐसे 44 सदस्यों की हिस्ट्रीशीट खोली गई ताकि सही तरीके से जांच हो सके. इसके अलावा 16 ठेकों और फर्म की जांच चल रही है. बता दें, वर्तमान में अतीक अहमद और सहयागियों की 31 संपत्तियों की जांच ईडी, आयकर विभाग और ईओडब्ल्यू कर रही है.

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मुख्तार अंसारी 
मुख्तार अंसारी ने यूपी के मऊ से निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा के सदस्य के रूप में रिकॉर्ड पांच बार विधायक पद पर जीत हासिल की है. लोगों को आज भी याद होगा, जब माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) का काफिला सड़क से गुजरता था, तो किसी की मजाल नहीं थी कि कोई उसके कारवां के बीच आ जाए. एक लाइन से 786 नंबर की 20 से 30 एसयूवी गुजरती थीं. मऊ दंगों के तीन साल बाद यानी साल 2008 में योगी आदित्‍यनाथ ने मुख्‍तार अंसारी को फिर ललकारा था. यूपी की योगी सरकार ने मुख्तार अंसारी की सालाना 41 करोड़ की अवैध कमाई को भी बंद कराया है. साल 2020, दिसंबर तक इनके गिरोह के 97 सदस्यों की गिरफ्तारी की गई थी. इसके अलावा 75 के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है. फिहलाह मुख्तार अंसारी अभी बांदा जेल में बंद है और उस पर 50 से अधिक मुकदमे भी चल रहे हैं. 

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खान मुबारक
खान मुबारक (Mafia khan Mubarak) अंडरवर्ल्ड के बदमाश जफर सुपारी का भाई है. खान मुबारक पहले यूपी के इलाहाबाद और आस पास के क्षेत्रों में ही आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता था. इसके बाद उसने अंबेडकर नगर को ही अपना अपराध का अड्डा बना लिया. अपराध की दुनिया में खान मुबारक एक ऐसा नाम बन चुका है जिससे जिले में ही नहीं, बल्कि आसपास के तमाम जिलों में भी लोग डरते थे. खान मुबारक ने अपराध की दुनिया में अपना कदम क्रिकेट मैच के दौरान अंपायर को गोली मारकर की, लेकिन सीएम योगी के नजरों से कैसे कोई बच सकता है. योगी सरकार ने साल 2020 में  खान मुबारक की बेनामी सम्पत्तियों और मकान पर बुल्डोजर चलाकर सब कुछ ध्वस्त कर दिया. फिलहाल खान मुबारक इस समय जेल के अंदर है.

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इन माफिया की कमर भी बुलडोजर ने तोड़ी
योगी सरकार का बुलडोजर उत्तर प्रदेश के 25 गैंगस्टरों पर चल चुका है  इसमें गाजीपुर के मुख्तार अंसारी और प्रयागराज के अतीक अहमद का नाम सबसे ऊपर आता है.  इनके अलावा लखनऊ के ओमप्रकाश उर्फ बबलू श्रीवास्तव, मो. सलीम, मो. सोहराब और मो. रुस्तम, वाराणसी के बृजेश कुमार सिंह उर्फ अरुण कुमार सिंह, सुभाष सिंह ठाकुर, बिजनौर का मुनीर, अंबेडकरनगर का खान मुबारक का नाम शामिल है. साथ ही, शामली के आकाश जाट, गाजियाबाद के अमित कसाना, मेरठ के उधम सिंह और योगेश भदौड़ा,  गाजीपुर का उमेश राय उर्फ गौरा राय और त्रिभुवन सिंह उर्फ पवन कुमार, मुजफ्फरनगर का सुशील उर्फ मूंछ, बागपत का अजीत उर्फ हप्पू और संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा, गौतमबुद्धनगर का सुन्दर भाटी उर्फ नेताजी, आजमगढ़ का ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू सिंह,  और अनिल भाटी की संपत्ति पर भी बुलडोजर चल चुका है. 

क्यों हुई योगी के बुलडोजर की शुरुआत
कानपुर के चौबेपुर के बिकरू में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद मुख्य आरोपी विकास दुबे की संपत्तियों पर बुलडोजर चला दिया गया. इसके बाद से माफिया योगी सरकार के निशाने पर आए. दरअसल इस घटना में आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज की थी. इसके बाद पुलिस ही नहीं बल्कि ईडी, आईबी समेत कुछ और एजेंसियों ने भी इस पूरे मामले की जांच शुरू की थी.  एक साल तक चली पड़ताल में पता चला कि विकास दुबे के करीबी जय बाजपेई के पास 30 करोड़ से अधिक की संपत्ति है. इसी तरह से विकास के खास जिलेदार के पास भी 10-15 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति निकली थी. जिसपर योगी सरकार ने बुलडोजर चलवाया और उन्हें सीज किया गया.  

माफिया पर कितने मुकदमे 
योगी सरकार की ओर से माफिया पर लगाम लगाने के लिए लगातार कार्रवाई की गई हैं. लगभग 12 हजार से अधिक मुकदमे भी दर्ज किए गए. साल 2021, जनवरी तक के आंकड़ों को देखें तो योगी सरकार ने 11,930 मुकदमे माफियाओं के नाम पर दर्ज हैं.  523 अभियुक्तों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) की धाराएं लगाई जा चुकी हैं. करीब150 हथियारों के लाइसेंस को रद्द किया जा चुका है. बता दें, पिछले 11 महीने में इस अभियान में वृद्धि ही हुई है.

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