समाजवादी पार्टी (Samjawadi Party) पर बोलते हुए शिवपाल ने कहा कि सपा कमजोर होती जा रही है और हमें पार्टी का नहीं समझा जाता है. हमे आजमगढ़ बुलाते तो धर्मेंद्र (Dharmendra Yadav) जीत जाते. उन्होंने कहा कि किसी से सुझाव न लेने से सपा में टूट हुई है...
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लखनऊ: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव राष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के सम्मान में आयोजित किए गए भोज में शामिल होने पहुंचे. खास बात थी कि इस डिनर पार्टी में इनके अलावा रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया भी पहुंचे हुए थे. डिनर पार्टी के बाद शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) का बयान सामने आया है.
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हम द्रौपदी मुर्म को समर्थन देंगे
शिवपाल यादव ने कहा कि हमें किसी बैठक में नहीं बुलाया जाता है. हमने 40 सालों में सरकारें बनाई भी हैं और गिराई भी हैं. उन्होंने कहा हम द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को समर्थन देंगे. डिनर पर हमारा द्रौपदी मुर्मू से परिचय कराया गया. समाजवादी पार्टी (Samjawadi Party) पर बोलते हुए शिवपाल ने कहा कि सपा कमजोर होती जा रही है और हमें पार्टी का नहीं समझा जाता है. हमे आजमगढ़ बुलाते तो धर्मेंद्र (Dharmendra Yadav) जीत जाते. उन्होंने कहा कि किसी से सुझाव न लेने से सपा में टूट हुई है.
अखिलेश में परिपक्वता की कमी
शिवपाल सिंह यादव ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि अखिलेश यादव में राजनीतिक परिपक्वता की कमी है. वह किसी से सलाह लेना पसंद नही करते. अखिलेश यादव केवल स्टार प्रचारक बना देते तो आज़मगढ़ चुनाव जिता देता. प्रसपा नेता शिवपाल ने कहा कि अखिलेश यादव ने यशवंत सिन्हा के सपोर्ट के लिए भी नहीं बुलाया जबकि मुख्यमंत्री Yogi ने फ़ोन कर डिनर में बुलाया. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के रवैए के कारण एक-एक कर उनके सहयोगी छोड़कर जा रहे हैं.
राष्ट्रपति पद की एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को यहां राजग के सांसदों और विधायकों से अपने लिए समर्थन मांगा.लखनऊ के लोक भवन (मुख्यमंत्री कार्यालय) में आयोजित बैठक में मुर्मू का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राजग के सहयोगी दलों- अपना दल (एस) और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद)- के नेताओं ने स्वागत किया और उन्हें समर्थन का भरोसा दिया.
गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने यशवंत सिन्हा के साथ गुरुवार को हुई प्रेस वार्ता में ओमप्रकाश राजभर को नहीं बुलाया था. ओपी राजभर ने शुक्रवार को मऊ में बैठक की और कहा कि कि वह अपने कार्यकर्ताओं से विमर्श कर राष्ट्रपति चुनाव के संदर्भ में 12 जुलाई को अपने पत्ते खोलेंगे.
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