एटा: दिन-रात 'ठेलवाले' की सुरक्षा में लगे हैं AK-47 से लैस दो गनर, जानें क्या है पूरा मामला
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एटा: दिन-रात 'ठेलवाले' की सुरक्षा में लगे हैं AK-47 से लैस दो गनर, जानें क्या है पूरा मामला

आपने अभी तक नेताओं और बड़े-बड़े उद्योगपतियों के साथ ही पुलिस के गनर देखे होंगे..... लेकिन यूपी के एटा जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक ठेल वाले को जिला पुलिस की ओर से दो गनर मुहैया कराए गए हैं..पढ़ें ये पूरी खबर

एटा: दिन-रात 'ठेलवाले' की सुरक्षा में लगे हैं AK-47 से लैस दो गनर, जानें क्या है पूरा मामला

धनन्जय भदौरिया/एटा: उत्तर प्रदेश के जनपद एटा में सरकारी अंगरक्षकों की तैनाती में एक व्यक्ति को ठेला लगाकर कपड़ा बेचता देख हर कोई अचंभे में है. दरअसल, ठेले के पीछे हथियारों से लैस दो वर्दीधारी अंगरक्षक तैनात हैं. यह नजारा देखकर रास्ते में आने जाने वाला हर व्यक्ति हैरान है. जैथरा थाना इलाके में हाईकोर्ट के आदेश पर इस ठेले वाले को सुरक्षा दी गई है. क्या है पूरा मामला, जानने के लिए पढ़ें आगे..

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जानें क्या है पूरा मामला
ठेला लगाकर कर सस्ते कपड़े बेचकर गुजर बसर कर रहा पीड़ित रामेश्वर दयाल जैथरा में हथठेले पर रेडीमेड कपड़े आदि बेचते हैं. उनके पास कोई दुकान नहीं है. दरअसल, जैथरा थाना इलाके में हाईकोर्ट के आदेश पर इस ठेले वाले की सुरक्षा में दो सशस्त्र गनर मिले हैं. 

हाईकोर्ट ने दिए सुरक्षा के आदेश
तीन जून को थाना जैथरा में रामेश्वर दयाल ने मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप था कि पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुगेंद्र सिंह यादव, पूर्व लेखपाल रामखिलाड़ी, राममूर्ति, रेखा एवं आदि के नाम से जबरन बैनामा करा लिया था. आरोप है कि पूर्व विधायक आदि ने बंधक बनाकर रखा था. साल 2010 से 2014 तक कई बार बैनामे करा लिए थे. इस मामले में अलीगंज सीओ राजकुमार सिंह ने बताया, हाईकोर्ट में सुनवाई थी. इस मामले में गया था.  न्यायाधीश महोदय की ओर से सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं. इसलिए सिक्योरिटी दी गई है.

पीड़ित बिना सुरक्षा यहां तक कैसे आ गया-न्यायाधीश
हाईकोर्ट की ओर से पीड़ित रामेश्वर दयाल निवासी जैथरा को भी नोटिस जारी कर शनिवार को बुलाया गया था. हाईकोर्ट में न्यायाधीश ने सुनवाई शुरू की. वहीं जुगेंद्र सिंह यादव की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने मांग की कि यह मामला झूठा है और इसे खारिज कर दिया जाए. उसी दौरान न्यायाधीश ने पीड़ित को देखते हुए आश्चर्य जताया कि पीड़ित बिना सुरक्षा यहां तक कैसे आ गया. पुलिस ने अभी तक उसे सुरक्षा मुहैया क्यों नहीं कराई. न्यायाधीश ने सुरक्षा देने के आदेश पारित कर दिए. इस पर रविवार को एसएसपी उदयशंकर सिंह पीड़ित रामेश्वर दयाल की सुरक्षा में दोपहर को ही दो सशस्त्र कांस्टेबल लगा दिए.

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