गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष रावल हरीश सेमवाल के मुताबिक आज अन्नकूट पर सुबह 10.15 बजे मां गंगा का मुकुट उतारा जाएगा.
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हेमकान्त नौटियाल/उत्तरकाशी: विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट और गोवर्धन पूजा पर्व पर दोपहर के बाद बंद हो जाएंगे. दोपहर के 12 बजकर एक मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे. गंगोत्री धाम के कपाट बंद को लेकर आज सुबह ब्रह्म मुहूर्त से ही गंगोत्री धाम में पूजा अर्चना का कार्य चल रहा है. गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद दोपहर 12:05 बजे मां गंगा की उत्सव डोली आर्मी बैंड और हजारों श्रद्धालुओं के साथ गंगोत्री धाम से मां गंगा के मायके मुखबा (उखीमठ) के लिए रवाना होगी. रात में गंगा मां की डोली चंडेश्वरी देवी मंदिर (माकेंडेय मंदिर) में विश्राम करेगी. इसके बाद 27 अक्टूबर को मां गंगा की उत्सव डोली मायके मुखबा में पहुंचेगी, जहां पर अगले 6 महीने तक श्रद्धालु यहीं पर मां गंगा के दर्शन कर सकेंगे.
भैया दूज के अवसर पर बंद होगा यमुनोत्री धाम का कपाट
यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के अवसर पर 27 अक्टूबर को 12 बजकर 09 मिनट पर बंद होंगे. इसके बाद यमुना मैया की डोली अपने मायके खरसाली गांव में आ जाएगी. यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल ने इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भाई दूज के दिन 27 अक्तूबर को दोपहर 12:09 बजे सर्व सिद्धि योग और अभिजीत मुहूर्त में यमुनोत्री धाम की विधिवत पूजा अर्चना होगी. इसके बाद यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे. वहां से मां यमुनोत्री की डोली नीचे खुशीठ के खरसाली में आ जाएगी.
गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष रावल हरीश सेमवाल के मुताबिक आज अन्नकूट पर सुबह 10.15 बजे मां गंगा का मुकुट उतारा जाएगा. उसके बाद निर्वाण दर्शन करके वेद मंत्रों के साथ मां की मूर्ति का महाभिषेक किया जाएगा. फिर पूजा-अर्चना के बाद गंगोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए जाएंगे. इसके बाद देश-विदेश के श्रद्धालु अगले 6 महीने तक मुखबा गांव में ही मां गंगा के दर्शन कर सकेंगे. इस वर्ष गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में रिकॉर्ड तोड़ 11 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. गंगोत्री धाम में 6 लाख से ज्यादा और यमुनोत्री धाम में 4 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए.