Ghaziabad Police Encounter: यूपी पुलिस ने एक और मुठभेड़ में बड़े अपराधी को ढेर कर दिया है. उसने गाजियाबाद के मुरादनगर में इनामी बदमाश मोनू चौधरी को मार गिराया है.
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Ghaziabad Police Encounter: गाजियाबाद में कुख्यात अपराधी मोनू चौधरी उर्फ विशाल को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया. जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को लगभग 3.30 बजे थाना मुरादनगर में क्रॉस फायरिंग में मोनू चौधरी ढेर कर दिया गया. मोनू चौधरी उर्फ़ विशाल पुत्र दीपक निवासी उखलारसी मुरादनगर गाजियाबाद का रहने वाला है. उस पर 50,000 रुपये का इनाम पुलिस ने घोषित कर रखा था. वो पिछले दो महीनों में हुई 2 हत्याओं के मामलों में वांछित था. उसके खिलाफ हत्या, लूट, रंगदारी, गैंगस्टर समेत कुल 12 मामले दर्ज हैं. हाल ही में गाजियाबाद पुलिस ने उसके गिरोह के सदस्यों की गैंगस्टर एक्ट के तहत 29 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी.
मुठभेड़ में 50 हजार का इनामी मोनू ढेर
कुख्यात मोनू चौधरी एनकाउंटर में ढेर
हत्या समेत कई मामले में चल रहा था वांछित
गैंग की 29 करोड़ की संपत्ति हो चुकी है कुर्क
मुरादनगर थाना इलाके में हुई मुठभेड़ @ghaziabadpolice @dgpup @vishals12517801 pic.twitter.com/hxgwwLT7BY— Zee Uttar Pradesh Uttarakhand (@ZEEUPUK) June 2, 2023
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, विशाल पुत्र दीपक उखलारासी मुरादनगर गाजियाबाद (Ukhlarasi Muradnagar Ghaziabad) में पुलिस को देखकर भाग रहा था. उसने पुलिस पर फायर झोंके और जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उसे ढेर कर दिया. मोनू चौधरी पर हत्या, लूट, रंगदारी वसूलने औऱ गैंगस्टर एक्ट (gangster Act) के तहत मामले दर्ज थे. हाल ही में गाजियाबाद पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत मोनू और उसके गिरोह के सदस्यों की 29 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी.
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मोनू चौधरी लंबे समय से पुलिस को चकमा दे रहा था और पुलिस को कई मामलों में उसकी तलाश थी. कई बार पुलिस ने सटीक सूचना के आधार पर उसे पकड़ने के लिए दबिश भी दी, लेकिन वह चकमा देकर निकल गया. पुलिस मुठभेड़ ऐसे वक्त हुई है, जब यूपी के नए डीजीपी विजय कुमार ने पदभार संभाला है. योगी सरकार के पिछले सात वर्षों के कार्यकाल में अब तक 1000 से ज्यादा पुलिस इनकाउंटर हो चुके हैं.
दोनों ओर से हुई की इस गोलीबारी की घटना में दो पुलिस कर्मियों को भी चोटें आई हैं. अनिल दुजाना के खिलाफ तीन दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज थे. अनिल दुजाना ने 2002 में गाजियाबाद जिले में पहले हत्याकांड को अंजाम दिया था. उसके बाद बिसरख कोतवाली क्षेत्र के रोजा जलालपुर गांव में राजू नाम के शख्स की जान ली थी. अनिल दुजाना ने गाजियाबाद के गैंगस्टर अमित कसाना के साथ मिलकर रिठौरी गैंग से गठजोड़ किया था और दर्जनों वारदातों को अंजाम दिया था.
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गौरतलब है कि यूपी में 24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद कई बड़ी घटनाएं हुई हैं. उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी अतीक अहमद के बेटे असद और एक अन्य को पुलिस मुठभेड़ में झांसी के पास मार गिराया गया था. प्रयागराज हत्याकांड में हमलावरों गाड़ी का ड्राइवर और एक अन्य आरोपी पहले ही ढेर हो चुका है. वहीं बमबारी करके दहशत फैलाने वाला गुड्डू मुस्लिम अभी भी फरार है. अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन भी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आई है. हालांकि अतीक अहमद और अशरफ का प्रयागराज में मेडिकल के लिए ले जाते वक्त तीन युवकों ने सनसनीखेज तरीके से मर्डर कर दिया था.
इन 1000 से ज्यादा पुलिस मुठभेड़ में 180 के करीब क्रिमिनल (UP Police Encounter List) ढेर किए गए हैं. कानपुर देहात का बिकरू कांड (Bikru Kand) भी काफी चर्चा में रहा था, जिसमें बदमाश विकास दुबे ने आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कराई थी. इसके बाद महाकाल उज्जैन से वापस लाते वक्त कानपुर में उसका एनकाउंटर हो गया था. भागने की कोशिश के दौरान वो ढेर हो गया था. मजबूत कानून-व्यवस्था की छवि को लेकर योगी आदित्यनाथ बाबा बुलडोजर (Baba Bulldozer) के नाम से लोकप्रिय भी हैं.
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