बेसिक शिक्षा के अधिकारियों और कर्मचारियों को नए साल का तोहफा, सैलरी में हुई देरी तो मिलेगा ब्याज
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बेसिक शिक्षा के अधिकारियों और कर्मचारियों को नए साल का तोहफा, सैलरी में हुई देरी तो मिलेगा ब्याज

Gratuity New Rules 2021: स्कूलों के शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों को समय पर वेतन न मिलने की शिकायत रहती है. बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों, अधिकारियों  व कर्मचारियों को भुगतान में देरी होने पर अब ब्याज मिलेगा. विभाग वित्त नियंत्रक ने सभी बीएसए (BSA) को इस संबंध में जारी किए आदेश.

बेसिक शिक्षा के अधिकारियों और कर्मचारियों को नए साल का तोहफा, सैलरी में हुई देरी तो मिलेगा ब्याज

लखनऊः  बेसिक शिक्षा में  (Basic Shiksha) में शिक्षकों (Teachers), अधिकारियों (Officers) और कर्मचारियों को वेतन (Salary), पेंशन (pension), ग्रेच्युटी और जीपीएफ (GPF) के भुगतान में देरी होने पर भी ब्याज (Interest) मिलेगा. जानकारी के मुताबिक बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Shiksha Parishad) के वित्त नियंत्रक रविंद्र कुमार ने प्रदेश के सभी बीएसए को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं.  इसमें उन्होंने ब्याज भुगतान का प्रस्ताव शासन को भेजने को कहा है.

शिक्षक संगठन कर रहे थे देरी पर ब्याज की मांग 
दरअसल, परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों को समय पर वेतन न मिलने की शिकायत रहती है. सभी जिलों में शिक्षकों और कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन, ग्रेच्युटी और जीपीएफ का भुगतान समय पर नहीं होता इससे शिक्षकों और कर्मचारियों को ब्याज का नुकसान होता है. इस वजह से कर्मचारी और शिक्षक संगठन देरी होने पर ब्याज की मांग कर रहे थे. 

हाई कोर्ट ने भी भुगतान में देरी पर ब्याज के दिए आदेश
विभिन्न कर्मचारियों और शिक्षकों की अर्जी पर उच्च न्यायालय ने अलग-अलग मामलों में वेतन, पेंशन, ग्रेच्युटी और जीपीएफ का भुगतान समय पर ना होने पर ब्याज का भुगतान करने के आदेश दिए हैं.

सरकार को करना होगा करोड़ों रुपये पर ब्याज का भुगतान 
विभाग के वित्त नियंत्रक ने आदेश में स्पष्ट किया है कि मुख्यालय स्तर पर ब्याज भुगतान के लिए बजट का प्रावधान नहीं है. उन्होंने सभी बीएसए को पत्र लिखकर समय पर भुगतान नहीं होने पर, ब्याज भुगतान से जुड़े मामलों को विभागअध्यक्ष के जरिए शासन को भेजने और ब्याज भुगतान के लिए बजट आवंटित करने की मांग करने के निर्देश दिए. आपको बता दें कि प्रदेश में हजारों ऐसे मामले हैं. ऐसे में सरकार को करोड़ों रुपये पर ब्याज का भुगतान करना होगा.

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